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पहली महिला सांसद चंद्रावती के इलाज में लापरवाही पर रोहतक PGI ने की कार्रवाई - रोहतक पीजीआई सीएमओ निलंबित

पुडुचेरी की पूर्व उप-राज्यपाल व हरियाणा की पहली महिला सांसद चंद्रावती के इलाज के मामले में लापरवाही को लेकर रोहतक पीजीआई ने एमरजेंसी के सीएमओ को सस्पेंड कर दिया है.

chandravati devi treatement negligence
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Published : Jun 25, 2020, 8:40 PM IST

रोहतक: अक्सर विवादों के में रहने वाले रोहतक पीजीआई में पुडुचेरी की पूर्व उप-राज्यपाल व हरियाणा की पहली महिला सांसद चंद्रावती के इलाज के मामले में लापरवाही को लेकर प्रसाशन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एमरजेंसी के सीएमओ को छह महीने के लिए सस्पेंड कर दिया है.

92 वर्षीय पूर्व उप-राज्यपाल चन्द्रावती के इलाज के मामले में बरती गई लापरवाही को लेकर की जा रही है जांच में सीएमओ को ड्यूटी पर गैरहाजिर पाया गया. इसी को आधार बनाते हुए सीएमओ को छह माह के लिए निलंबित किया गया है. बता दें कि, हरियाणा की पहली महिला सांसद चंद्रावती के इलाज में लापरवाही बरतने का मामला मीडिया में आने के बाद पीजीआई प्रशासन हरकत में आया था.

इस मामले की जांच को लेकर पीजीआई प्रबंधन ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था जिसकी जांच अब पूरी हो गई है. इस मामले में पीजीआई प्रसाशन मीडिया के सामने कुछ भी बोलने से बचता नजर आया. बता दें कि, इससे पहले हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री हुक्म सिंह के इलाज के मामले में भी रोहतक पीजीआई विवादों में आया था.

पहली महिला सांसद चंद्रावती के इलाज में लापरवाही पर रोहतक पीजीआई ने की कार्रवाई.

रिश्तेदार अस्पताल में भटकते रहे, नहीं मिला था कमरा

गौरतलब है कि 13 जून को पूर्व उप-राज्यपाल चंद्रावती को चरखी दादरी स्थित उनके आवास से पीजीआई इलाज के लिए लाया गया था. पूर्व उपराज्यपाल के कुल्हे व पैर में चोट के कारण पीजीआई लेकर आए थे. उन्हें यहां ना तो वीआईपी कमरा मिला और साथ ही काफी घंटों तक इलाज के लिए इंतजार करना पड़ा. जिसके बाद परिजन पूर्व उपराज्यपाल को निजी अस्पताल ले गए. रिपोर्ट में सीएमओ डॉ. कुलदीप को उस वक्त ड्यूटी से गैरहाजिर बताते हुए लापरवाही का दोषी पाया गया और इसी आधार पर उनको छह माह तक निलंबित किया गया है.

इस मामले में पीजीआई के कई उच्च अधिकारियों के बात करने की कोशिश की, लेकिन कोई भी अधिकारी मीडिया के सामने नहीं आया. इसका एक कारण ये भी हो सकता है कि पूर्व मुख्यमंत्री हुक्म सिंह के इलाज के मामले में भी पीजीआई ने लापरवाही बरती थी जिसको लेकर आज तक पीजीआई प्रशासन कुछ भी बोलने से बचता रहा है.

चंद्रावती देवी का परिचय

  • भिवानी से हरियाणा की पहली महिला लोकसभा सांसद रही (1977)
  • हरियाणा विधानसभा की पहली महिला विधायक
  • हरियाणा की पहली महिला अधिवक्ता
  • हरियाणा में दो बार मंत्री (1964-66, 1972-74)
  • 1982-85 में हरियाणा विधानसभा में विपक्ष की नेता
  • फरवरी 1990 से दिसंबर 1990 तक पुडुचेरी की उप-राज्यपाल
  • 1977-79 हरियाणा में जनता पार्टी की अध्यक्ष

पूर्व सीएम बंसीलाल को हरा कर बनी थीं सांसद

चरखी दादरी के गांव डालावास की रहने वाली चंद्रावती ने जनता पार्टी की ओर से भिवानी संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ते हुए प्रदेश के कद्दावर नेता और पूर्व सीएम बंसीलाल को करारी शिकस्त दी थी. उन्होंने हरियाणा की पहली महिला सांसद बनने का गौरव प्राप्त किया था. 1977 में जब राजनीति में महिलाओं की भागीदारी न के बराबर थी, चरखी दादरी की चंद्रावती ने भिवानी लोकसभा क्षेत्र के पहले चुनाव में 67.62 प्रतिशत वोट लेकर जीत का जो रिकार्ड बनाया था, वह आज तक तोड़ा नहीं जा सका है.

चुनाव आयोग के रिकॉर्ड के मुताबिक 1977 में चंद्रावती ने 2 लाख 89 हजार 135 वोट हासिल किए थे, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल को 1 लाख 27 हजार 893 वोटों से ही संतोष करना पड़ा था. माना जा रहा है कि आपातकाल का फायदा चंद्रावती को मिला और वे बीएलडी की टिकट पर 67.62 प्रतिशत वोट लेकर जीतने में कामयाब रहीं.

हाई कोर्ट की पहली महिला अधिवक्ता थीं चंद्रावती

भिवानी की पहली सांसद चंद्रावती जिला ही नहीं, आस-पास के एरिया में पहली स्नातक योग्यता वाली महिला होने का गौरव हासिल किए हुए थीं. इसके साथ ही वह पंजाब व हरियाणा बार में पहली महिला अधिवक्ता भी थीं. 3 सितंबर 1928 को जन्मी चंद्रावती ने संगरूर से स्नातक की थी, वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी की.

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