रोहतक: अक्सर विवादों के में रहने वाले रोहतक पीजीआई में पुडुचेरी की पूर्व उप-राज्यपाल व हरियाणा की पहली महिला सांसद चंद्रावती के इलाज के मामले में लापरवाही को लेकर प्रसाशन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एमरजेंसी के सीएमओ को छह महीने के लिए सस्पेंड कर दिया है.
92 वर्षीय पूर्व उप-राज्यपाल चन्द्रावती के इलाज के मामले में बरती गई लापरवाही को लेकर की जा रही है जांच में सीएमओ को ड्यूटी पर गैरहाजिर पाया गया. इसी को आधार बनाते हुए सीएमओ को छह माह के लिए निलंबित किया गया है. बता दें कि, हरियाणा की पहली महिला सांसद चंद्रावती के इलाज में लापरवाही बरतने का मामला मीडिया में आने के बाद पीजीआई प्रशासन हरकत में आया था.
इस मामले की जांच को लेकर पीजीआई प्रबंधन ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था जिसकी जांच अब पूरी हो गई है. इस मामले में पीजीआई प्रसाशन मीडिया के सामने कुछ भी बोलने से बचता नजर आया. बता दें कि, इससे पहले हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री हुक्म सिंह के इलाज के मामले में भी रोहतक पीजीआई विवादों में आया था.
रिश्तेदार अस्पताल में भटकते रहे, नहीं मिला था कमरा
गौरतलब है कि 13 जून को पूर्व उप-राज्यपाल चंद्रावती को चरखी दादरी स्थित उनके आवास से पीजीआई इलाज के लिए लाया गया था. पूर्व उपराज्यपाल के कुल्हे व पैर में चोट के कारण पीजीआई लेकर आए थे. उन्हें यहां ना तो वीआईपी कमरा मिला और साथ ही काफी घंटों तक इलाज के लिए इंतजार करना पड़ा. जिसके बाद परिजन पूर्व उपराज्यपाल को निजी अस्पताल ले गए. रिपोर्ट में सीएमओ डॉ. कुलदीप को उस वक्त ड्यूटी से गैरहाजिर बताते हुए लापरवाही का दोषी पाया गया और इसी आधार पर उनको छह माह तक निलंबित किया गया है.
इस मामले में पीजीआई के कई उच्च अधिकारियों के बात करने की कोशिश की, लेकिन कोई भी अधिकारी मीडिया के सामने नहीं आया. इसका एक कारण ये भी हो सकता है कि पूर्व मुख्यमंत्री हुक्म सिंह के इलाज के मामले में भी पीजीआई ने लापरवाही बरती थी जिसको लेकर आज तक पीजीआई प्रशासन कुछ भी बोलने से बचता रहा है.