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अग्निपथ योजना पर भूपेंद्र हुड्डा ने उठाए सवाल, कहा: फौज में ठेके पर नौकरी देश हित में नहीं

रक्षा मंत्रालय के अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme Protest) को वापस न लिए जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का बयान आया (Bhupinder Singh Hooda on Agnipath Scheme) है. उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा है कि फौज में ठेके पर नौकरी देश हित में नहीं है. उन्होंने कहा कि युवाओं का भविष्य सुरक्षित होगा तभी देश भी सुरक्षित होगा. उन्होंने इजराइल से तुलना किए जाने को गलत करार दिया. पढ़ें पूरी खबर...

Bhupinder Singh Hooda on Agnipath Scheme
रक्षा मंत्रालय के अग्निपथ योजना को वापस न लिए जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का बयान

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Published : Jun 20, 2022, 9:31 AM IST

रोहतकःरक्षा मंत्रालय के अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme Protest) को वापस न लिए जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा है कि फौज में ठेके पर नौकरी देश हित में नहीं (Bhupinder Singh Hooda on Agnipath Scheme) है. उन्होंने कहा कि युवाओं का भविष्य सुरक्षित होगा तभी देश भी सुरक्षित होगा. उन्होंने इजराइल से तुलना किए जाने को गलत करार दिया. साथ ही कहा कि अग्निपथ योजना का सबसे ज्यादा असर हरियाणा के युवाओं पर पड़ेगा, क्योंकि देश की सेनाओं में हर दसवां फौजी हरियाणा से है.अग्निपथ योजना का कांग्रेस पार्टी प्रजातांत्रिक तरीके से विरोध करेगी.

अग्निपथ योजना युवाओं के हित में नहीं: दरअसल रविवार को रक्षा मंत्रालय की ओर से अग्निपथ योजना की वापसी न किए जाने का बयान सामने आया है. मंत्रालय कि माने तो यह कदम देश की रक्षा के लिए उठाया गया है. इसी पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है कि यह योजना न देश हित में है और न ही युवाओं के हित में है. यह योजना जवानों का भविष्य अंधकार में डालने वाली है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के युवा इसलिए सेना में भर्ती होते हैं क्योंकि उनकी इससे भावनाएं जुड़ी होती हैं. वे देश के लिए कुर्बानी देने के लिए तैयार होते हैं.साथ ही पेंशन समेत अन्य सुविधाएं भी मिलती थी, लेकिन अग्निपथ योजना में 4 साल बाद बेरोजगार हो जाएंगे.

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा.

इजराइल से तुलना करना गलत: इजराइल से तुलना किए जाने पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि इजराइल की जनंसख्या हरियाणा से भी कम है. साथ ही इजराइल में बेरोजगारी नहीं है. वहां सेना में कोई भर्ती होना नहीं चाहता. यह तो देश-देश का अंतर है. जबकि भारत बड़ा देश है. हुड्डा ने कहा कि सैन्य सुधार होने चाहिएं लेकिन पहले हितधारकों से बात की जानी चाहिए. उन्होंने इजराइल से तुलना किए जाने को गलत करार दिया.

देश की सुरक्षा के साथ समझौता नहीं: उन्होंने कहा कि युवा सेना में भर्ती होकर खुद को गौरान्वित महसूस करता है. युवा के अंदर त्याग की भावना पैदा होती है और वे कुर्बानी के लिए तैयार होते हैं, लेकिन इस योजना के जरिए फौज की ताकत घटाने की बात है. फौज मजबूत होनी चाहिए क्योंकि भारत के एक तरफ चीन और एक तरफ पाकिस्तान है. देश की सुरक्षा के साथ समझौता नहीं करना चाहिए. उन्होंने अग्निवीरों के लिए अर्धसैनिक बलों में 10 प्रतिशत आरक्षण की नीति पर भी सवाल खड़े किए. पूर्व मुख्यमंत्री ने तीन कृषि कानूनों का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इसी प्रकार तीन कृषि कानून लेकर आई थी, लेकिन बाद में किसानों के आंदोलन के चलते वापस लेने पड़े. हुड्डा ने हरियाणा में बेरोजगारी की समस्या को लेकर भी सवाल खड़े किए.

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