रोहतक: भारत के स्टार मुक्केबाज अमित पंघाल के कॉमनवेल्थ गेम्स के सेमीफाइनल में पहुंचने (amit panghal reached in semifinal) के साथ ही रोहतक के उनके पैतृक गांव मायना में खुशी का माहौल है. फ्लाईवेट वर्ग में अमित पंघाल ने स्कॉटलैंड के लेनन मुलिगन को एकतरफा मुकाबले में 5-0 से हराया. फाइनल में पंघाल का मुकाबला जाम्बिया के पैट्रिक चिन्याम्बा से 6 अगस्त को होगा. अमित पंघाल की इस जीत से उनके घर और गांव में खुशी का माहौल है. अमित के घरवाले और ग्रामीण अब स्वर्ण पदक की उम्मीद कर रहे हैं.
मां बोली गोल्ड लायेगा बेटा- अमित पंघाल के परिजनों और ग्रामीणों ने मायना गांव में क्वार्टर फाइनल मुकाबला टीवी पर लाइव देखा. अमित की जीत के साथ ही पूरा परिवार और ग्रामीण खुशी से झूम उठे. परिजनों ने जीत के बाद सबका मुंह मीठा कराया. बेटे की जीत से खुश अमित पंघाल की मां ऊषा ने बताया कि अमित ने इंग्लैंड जाने से पहले ही कह दिया था कि वह इस बार अपने मेडल का रंग बदलकर ही आएगा. इससे पहले कॉमनवेल्थ गेम्स में वह रजत पदक जीत चुका है.
हरियाणा के छोरे अमित पंघाल ने पक्का किया मेडल, मां बोली- गोल्ड लेकर लौटेगा बेटा, गांव में जश्न मां खीर चूरमा से करेगी स्वागत- मां ने बताया कि अमित को खीर और चूरमा बहुत पसंद है. जब वह मेडल जीतकर घर लौटेगा तो जोरदार स्वागत के साथ उसका मुंह खीर-चूरमा से ही मीठा कराएंगे. कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए अमित पंघाल महीनों घर से बाहर रहा. वो पटियाला में अभ्यास करता है. कोई बेहद जरूरी काम होने पर ही वो घर आता है. अमित पूरा फोकस अपनी प्रेक्टिस पर ही रखता था. ऊषा ने कहा कि बेटे से दूर रहना उन्हें और परिवार के बाकी लोगों को पसंद तो नहीं, लेकिन उसके अच्छे प्रदर्शन के लिए यह कुर्बानी बहुत छोटी है.
पिता को भरोसा गोल्ड मेडल का- अमित पंघाल के पिता विजेंद्र सिंह ने कहा कि आज अमित ने बेहतर खेल दिखाया. उनकी रोजाना मोबाइल पर अमित से बात होती रहती है. इस दौरान उसकी तैयारी को लेकर ही ज्यादा चर्चा होती है. अमित इस बार पूरा कॉन्फिडेंट दिख रहा है. उन्हें पूरी उम्मीद है कि इस बार वो गोल्ड मेडल जीतेगा.
पिता ने कहा- अमित इस बार पूरा कॉन्फिडेंट दिख रहा है अमित पंघाल रोहतक के रहने वाले- बॉक्सर अमित पंघाल मूल रूप से रोहतक के मायना गांव (Amit Panghal Village Name) के रहने वाले हैं. उनका जन्म 16 अक्टूबर 1995 को हुआ था. गांव में कोच अनिल धनखड़ ने प्राइवेट बॉक्सिंग एकेडमी शुरू की थी. अमित के भाई अजय ने यहां प्रेक्टिस शुरू की. कुछ दिनों की प्रेक्टिस के बाद 2006 में अमित भी वहां जाने लग गया. दोनों भाइयों ने एक साथ प्रेक्टिस की और स्टेट बॉक्सिंग चैंपियन बन गए. बाद में भाई अजय ने बॉक्सिंग छोड़ दी थी. इसके बाद अमित पंघाल का सिलसिला लगातार जारी रहा.
अमित का मैच देखकर खुश घरवाले. अमित पंघाल की उपलब्धियां- कैरियर की शुरूआत में ही दिसंबर 2009 में औरंगाबाद में हुई 25वीं सब जूनियर नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में अमित पंघाल ने गोल्ड मेडल हासिल किया. वर्ष 2010 में चेन्नई और वर्ष 2011 में पुणे में हुई सब जूनियर नेशनल चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल मिला. इसी के साथ राज्य स्तर की चैंपियनशिप में भी उसका बेहतरीन प्रदर्शन जारी रहा. वर्ष 2012 में पटियाला में हुई 45वीं जूनियर बॉक्सिंग चैंपियनशिप में अमित पंघाल ने हरियाणा का प्रतिनिधित्व किया.
इसी साल विशाखापट्टनम में हुई प्रथम डॉ. बीआर अंबेडकर ऑल इंडिया पुरूष बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल किया. इसके बाद अमित पंघाल का सफर यहीं नहीं रूका. राज्य स्तरीय अनेक चैंपियनशिप में उसे बेस्ट बॉक्सर का खिताब हासिल हुआ. इसके बाद उसने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा. अमित पंघाल उस समय चर्चा में आए थे, जब उन्होंने वर्ष 2017 में एशियन चैंपियनशिप में कांस्य पदक हासिल किया था. अमित पंघाल ने वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल, 2018 में हुए एशियन गेम में गोल्ड मेडल, कॉमनवेल्थ गेम 2018 में सिल्वर मेडल जीते हैं. एशियन चैंपियनशिप 2019 में गोल्ड मेडल और 2021 में सिल्वर मेडल जीता है. अमित पंघाल भारतीय सेना में कार्यरत हैं.
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