रोहतक: कोरोना वायरस की पहचान करने और सर्दी, खांसी, बुखार के लक्षण पहचानकर डाटा इकट्ठा करने जैसे काम को लेकर कोरोना योद्धाओं में शुमार आशा वर्कर दिन रात मेहनत कर रही हैं. इन आशा वर्कर्स की मेहनत की बदौलत ही कोरोना पर लगाम लगाने में कामयाबी मिल रही है. वहीं इस सराहनीय कार्य को लेकर रोहतक एसएमओ अनिलजीत सिंह आशा वर्कर्स को सम्मानित करने की बात कही है.
कोरोना काल में बेहतरीन काम कर रही हैं आशा वर्कर्स
कोरोना काल में ये आशा वर्कर्स अहम भूमिका निभा रही हैं है. ये आशा वर्कर घर-घर जा कर डाटा इकट्ठा करती हैं और साथ ही खांसी, बुखार और जुकाम आदि लक्षणों को पहचान कर उनकी लिस्ट बनाकर उच्च अधिकारियों को भेजती हैं. जिससे की लोगों की समय से जांच हो सके. इस तरह का डाटा इकट्ठा करने से सार्थक परिणाम भी सामने आए हैं.
कोरोना संक्रमण रोकने में आशा वर्कर्स की अहम भूमिका, किया जाएगा सम्मानित. ऐसे काम करती हैं आशा वर्कर्स
आशा वर्करों का कहना है कि एक हजार लोगों पर एक आशा वर्कर काम करती है और घर-घर जाकर लोगों का डाटा इकट्ठा करती है. उन्होंने कहा कि ये भी पता लगाया जाता है कि कोई व्यक्ति गांव में बाहर से तो नहीं आया है, ताकि उसकी जांच की जा सके.
वहीं एसएमओ अनिलजीत सिंह का कहना है कि कोरोना मामले में सभी लोगों का एक डाटा तैयार किया जाता है. कौन कहां से आया है या कौन बाहर गया है. खांसी, बुखार, जुकाम आदि के मरीजों की भी पहचान की जाती है, ताकि उनकी जांच की जा सके.
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एसएमओ ने कहा कि आशा वर्कर, हेल्थ वर्कर ये कोरोना योद्धा हैं. जो ग्राउंड लेवल पर काम करके इस संकट काल मे अहम भूमिका निभा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार 15 अगस्त को इन हेल्थ वर्करों को सम्मानित करने पर विचार भी कर रही है.