रोहतक: मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले भाजपा सांसद अरविंद शर्मा अब बैकफुट पर आ गए हैं. उन्होंने सोमवार को कहा कि वे मुख्यमंत्री या हरियाणा सरकार के विरोध में कतई नहीं हैं. उनकी किसी बात से कोई यह न समझे कि मुख्यमंत्री या हरियाणा सरकार के विरोध में हैं. सांसद ने सोमवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर पिछले दिनों दिए गए बयानों पर पर्दा डालने का प्रयास किया है. उन्होंने कहा कि पहरावर गांव में गौड़ ब्राह्मण शिक्षण संस्थान की जमीन के विषय में वे बहुत चिंतित हैं.
अरविंद शर्मा ने कहा कि समाज हित के लिए यह जमीन संस्था को मिलनी चाहिए. जिससे 36 बिरादरी के बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में लाभ होगा. इस जमीन पर स्कूल, कॉलेज, अस्पताल व मंदिर का निर्माण हो सकता है. हरियाणा का ब्राह्मण समाज का इस संस्था से आत्मा से जुड़ाव है. हरियाणा के मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी भी यह जमीन संस्था को देने के पक्ष में है. सांसद ने आगे कहा कि इस विषय को लेकर पिछले दिनों जो सम्मेलन, भाषण, संभाषण हुए, उसमें उनकी समाज के प्रति गहरी चिंता थी.
गौरतलब है कि भाजपा सांसद अरविंद शर्मा ने रोहतक के पहरावर गांव में गौड़ शिक्षण संस्थान की जमीन के मुद्दे पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. वे खुलकर मुख्यमंत्री को निशाने पर ले चुके हैं. यहां तक कि भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार तक के गंभीर आरोप लगाए थे. अरविंद शर्मा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को जातिवादी सोच के साथ करने का आरोप भी लगाया था. 4 मई को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर जब रोहतक में विकास रैली को संबोधित करने के लिए आए थे तब सांसद ने पहरावर की जमीन का मुद्दा उनके सामने रखा था.
इसके बाद 22 मई को पहरावर गांव में परशुराम जयंती समारोह में उन्होंने पहली बार मुख्यमंत्री और पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. उन्होंने कहा था कि बार-बार अनुरोध करने के बावजूद मुख्यमंत्री किसी के बहकावे में आकर संस्था को जमीन नहीं दे रहे हैं. सांसद ने तो सीधे तौर पर पूर्व मंत्री व भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मनीष ग्रोवर को निकम्मा और मूर्ख तक बता दिया था. रविंद शर्मा ने रोहतक के मैना पर्यटन केंद्र में प्रेस कांफ्रेंस कर मुख्यमंत्री पर द्वेष की भावना से काम करने का आरोप लगाया था. यह भी कहा था कि सरकार हरियाणा में जातिवाद की भावना से काम कर रही है और यह सरकार सबूत मिटाने और सबूत खाने में एक्सपर्ट है.
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