रोहतक: हरियाणा के रोहतक में पेंशन काटे जाने पर रथ में बैठकर बारात निकालने वाले 102 वर्षीय दुलीचंद ने मंगलवार को सेक्टर-6 में दरबार लगाया. जिसमें रोहतक और आसपास के जिलों के लोग वहां पहुंचे. यह वो लोग थे जिन्हें सरकार ने मृत घोषित कर दिया था. दुलीचंद के दरबार में 17 महिला और पुरुष (Rohtak Dulichand darbar for pensioners) पहुंचे. जिनमें 4 विकलांग भी शामिल थे. साथ ही चार विधवा महिलाएं भी थी, जिनके मृत पति को जिंदा दिखाकर पेंशन काट दी गई. बता दें कि दुलीचंद को मृत घोषित कर उनकी वृद्धा पेंशन को काटा जा रहा था. तब मृत घोषित दुलीचंद ने खुद जिंदा बताने के लिए एक नायाब तरीका इजात किया था. उन्होंने खुद को जिंदा दिखाने के लिए अपनी ही बारात (alive man declared dead in rohtak) निकाली थी.
दरअसल, रोहतक के गांधरा गांव के 102 वर्षीय दुलीचंद की वृद्धा पेंशन काट दी गई थी. इसके बाद दुलीचंद ने आम आदमी पार्टी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष नवीन जयहिंद से संपर्क किया. फिर दुलीचंद ने खुद को जीवित बताने के लिए रोहतक शहर में बाकायदा रथ पर बारात (Procession for pension in rohtak) निकाली. उनकी बारात में ग्रामीण नाचते और नोट उड़ाते नजर आए थे. बाद में पूर्व मंत्री और भाजपा नेता मनीष ग्रोवर को मामले को लेकर ज्ञापन सौंपा गया था. पूर्व मंत्री ने एडीसी महेंद्र पाल को बुलाकर मामले की जांच के लिए कहा. खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के संज्ञान में यह मामला आया. तब कहीं जाकर दुलीचंद की वृद्धा पेंशन दोबारा शुरु हो (old man protest in Rohtak) सकी.