60 साल में पहली बार चेतावनी स्तर तक भी नहीं पहुंचा यमुना का पानी, ये हैं बड़े कारण - यमुना घटता जल स्तर हरियाणा
पानीपत में इस साल यमुना नदी का जल स्तर चेतावनी स्तर तक भी नहीं पहुंचा है. नदी किनारे रह रहे लोगों से लेकर नदी के पानी पर निर्भर खेती करने वाले किसानों तक हर कोई इस वजह से चिंतित है. वहीं यमुना में आस्था रखने वाले श्रद्धालु भी निराश हैं, लेकिन इस घटते जल स्तर का कारण क्या है. देखिए इस रिपोर्ट में.
panipat yamuna river water level
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Published : Oct 22, 2020, 2:35 PM IST
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Updated : Oct 22, 2020, 6:19 PM IST
पानीपत: यमुना नदी का जल स्तर घटता जा रहा है. पानीपत में इस साल यमुना नदी में पिछले 60 सालों में सबसे कम पानी आया है. यमुना नदी का जल स्तर बरसात के मौसम में हमेशा से ही चेतावनी स्तर को पार करता था और यमुना खतरे के निशान के ऊपर बहती थी. मगर इस साल खतरे के निशान 230.85 मीटर को तो छोड़िए यमुना नदी चेतावनी स्तर यानि 230 मीटर को भी पार नहीं कर सकी है.
ग्रामीण, किसान, जानवर हर कोई परेशान
ग्रामीणों की मानें तो उनकी याद में पहली बार यमुना में हर वर्ष की तुलना में इस साल बहुत कम पानी आया है जिससे यमुना नदी के आसपास के गांवों के लोगों भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है. वहीं किसानों के लिए भी ये परेशानी का सबब बन गया है. किसान राजेश ने बताया कि पहली बार देख रहा हूं कि यमुना में इतना कम पानी है. कम पानी के कारण फसलों को पानी कम मिलेगा और वो सूख जाएंगी. वहीं नदी के आसपास रहने वाले जानवरों को भी दिक्कत होगी.
क्यों घट रहा है यमुना का जल स्तर, क्या हैं बड़े कारण? देखिए ये रिपोर्ट
ताजेवाला डैम पावंटा साहिब से इलाहाबाद तक करीब 1300 किलोमीटर तक बहती यमुना नदी के दोनों किनारों पर हरियाणा, दिल्ली व उत्तर प्रदेश के कई जिले पड़ते हैं. नदी किनारे से लगते इन जिलों के कई गांवों के लोगों के लिए तेजी से गिरते भू-जल ने संकट खड़ा कर दिया है और फसलें भी सूखने लगी हैं. लोगों को डर है कि जल्द ही यहां पीने के पानी का संकट खड़ा हो जाएगा.
जल आयोग कम बारिश को बता रहा मुख्य कारण
केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों के जरिए पिछले कुछ सालों की बात करें तो 2014 से लेकर 2019 तक ये जल स्तर अक्सर 230 मीटर के आसपास रहा है, लेकिन 2020 यानि मौजूदा साल में ये स्तर 229.83 मीटर रहा है जो कि चेतावनी स्तर से भी नीचे है. विभाग के अधिकारी भी कम बारिश को ही घटते जल स्तर का मुख्य कारण मान रहे हैं. केंद्रीय जल आयोग के जेई लोकेन्द्र ने बताया कि मानसून की कम बरसात के काम कारण इस साल जल स्तर घट गया है. इस बार यमुना का पानी चेतावनी स्तर यानि 230 मीटर को भी पार नहीं कर सका है. कम बरसात के अलावा यमुना नदी से रेत माफिया द्वारा बड़ी मात्रा में रेत निकालते समय यमुना की धार बदल देता भी इस घटते जल स्तर का एक कारण है.
यमुना के जल स्तर की मुख्य बातें-
यमुना का चेतावनी स्तर 230.00 मीटर है.
खतरे का निशान 230.85 मीटर है.
यमुना में हाई फ्लड 2013 में आया था जब जल स्तर 232.75 मीटर था.
यमुना का जल स्तर (मीटर में)
साल
जल स्तर
2013
232.75
2014
230.02
2015
230.38
2016
230.60
2017
230.43
2018
230.48
2019
232.25
2020
229.83
हमारे देश में नदियों से लोगों की आस्थाएं भी जुड़ी होती हैं. ऐसे में घटते जल स्तर को लेकर श्रद्धालु भी परेशान हैं. पानीपत में यमुना नदी के किनारे बने मंदिर के पुजारी सुभाष गिरी ने बताया कि वे मंदिर में पिछले 40 सालों से रह रहे हैं. इतना कम पानी कभी नहीं आया. हजारों श्रद्धालु यमुना में स्नान करने आते हैं, लेकिन इस बार पानी कम आने से श्रद्धालु भी निराश होकर वापस लौट रहे हैं. यमुना किनारे बसे लोगों से लेकर खेती कर रहे किसान और यमुना में आस्था रखने वाले श्रद्धालु तक हर कोई यमुना के इस घटते जल स्तर को लेकर चितिंत है.