पानीपत: जिले में यमुना नदी के लगातार बढ़ते जल स्तर को लेकर नदी के आसपास के गांव के लोगों और किसानों को अब बाढ़ का खतरा सताने लगा है. फिलहाल यमुना का जलस्तर 229.70 क्यूसिक मीटर है. जो चेतावनी स्तर 230.00 के नजदीक है. जबकि खतरे के निशान 230.85 क्यूसिक मीटर पर है. वर्तमान में यमुना का जलस्तर इस साल का सबसे अधिक है. जोकि पहाड़ों में हो रही लगातार बरसात के चलते बढ़ रहा है.
कटाव को रोकने के लिए प्रशासन की तैयारी नहीं
मानसून के चलते प्रसाशन द्वारा जुलाई महीने तक बाढ़ बचाव के सभी प्रबंध करना अनिवार्य होता है. तटबंधों पर पत्थरों की ठोकरें बनाई जाती हैं. ताकि पानी से कटाव ना हो. लेकिन प्रसाशन द्वारा अभी तक कोई भी इंतजाम नहीं करवाए गए. जिससे लोगों को अब बाढ़ का खतरा सताने लगा है.
ईटीवी भारत की टीम ने पानीपत यमुना नदी से सटे गांवों के तटबंधों का निरीक्षण किया. जहां पर यमुना के तटबंध पर जगह-जगह कटाव देखने को मिला. बांधों पर मिट्टी के कट्टे रखवाए गए हैं. जबकि पत्थरों की ठोकरें बनवाई जाती हैं. प्रसाशन द्वारा कई जगहों पर पत्थर तो रखवाए हैं लेकिन उनकी तार बंदी नहीं की गई.