पानीपत: वो बच्चों की शिक्षा के स्तर को ऊंचा करना चाहते हैं. हर माध्यम से शिक्षा को बच्चों तक पहुंचना चाहते हैं. आज हम शिक्षक दिवस पर आपको ऐसे ड्राइंग टीचर से मिलवाने जा रहे है जो रंगों के माध्यम से बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं. इतना ही नहीं उन्होंने करीब 60 गरीब लड़कियों को गोद भी ले रखा है. हम बात कर रहे हैं पानीपत के छोटे से गांव लाखु बुआना के रहने वाले प्रदीप मलिक की जो पिछले 17 साल से सरकारी स्कूलों में ड्राइंग टीचर के तौर पर सेवाएं दे रहे हैं.
कुछ सालों पहले हरियाणा के पानीपत जिले के इसराणा सरकारी स्कूल से टीचर द्वारा बनाई गई एक शैक्षणिक ट्रेन की वीडियो वायरल हुई थी. वह शैक्षणिक रेल प्रदीप मलिक द्वारा ही बनाई गई थी. प्रदीप मलिक ने सरकारी स्कूल के कमरों को रेल के डिब्बों का रूप देकर उन पर शिक्षण सामग्री को अंकित कर दिया था. इसके पीछे उनका मकसद यह था कि बच्चे आते- जाते भी शिक्षा के बारे में रुचि रखते रहें ताकि उनमें सामान्य ज्ञान का स्तर बना रहे. स्वच्छता को बरकरार रखने के लिए और स्वच्छता के बारे में बच्चों को शिक्षा देने के लिए स्कूल में बने टॉयलेट को एक बस का रूप दे दिया. जिस पर लिख दिया स्वच्छ परिवहन ताकि बच्चे स्वच्छता आस-पास के वातावरण को स्वच्छ रखने के लिए अपनी आदत बना लें.
प्रदीप मलिक को शिक्षक दिवस के मौके पर राज्य शिक्षक पुरस्कार से नवाजा जाएगा. कई गरीब लड़कियों को लिया है गोद- प्रदीप मलिक (when is teachers day) ने बताया कि अब तक उन्होंने 60 से ज्यादा बच्चियों को गोद लिया हुआ है. उनका कहना है कि जिस गरीब परिवार में एक से अधिक बेटी होती है तो वह एक बेटी को गोद ले लेते हैं. उसकी पढ़ाई लिखाई और किताबों तक का खर्चा वह खुद ही वहन करते हैं. वह ड्राइंग के टीचर होते हुए भी बच्चों को अपने चित्रकला के माध्यम से गणित सामान्य ज्ञान जैसी शिक्षा भी प्रदान करते हैं. कला के जरिए वह बच्चों को इस तरह समझाते हैं कि बच्चे रुचि लेकर पढ़ते हैं.
प्रदीप द्वारा बनाया गया कैरियर ट्री भी हुआ था वायरल- प्रदीप मलिक का तबादला जब भी किसी अन्य स्कूल में होता है तो वो जाते वक्त अपने पुराने स्कूल के बच्चों को जनरल नॉलेज की किताबें बांटकर जाते हैं. प्रदीप मलिक द्वारा बनाया गया एक कैरियर ट्री भी कुछ समय पहले वायरल हुआ था. उनके द्वारा इस कैरियर ट्री को देखने के लिए दूसरे स्कूल के टीचर भी स्कूल में आए थे. इसके बाद उन टीचर्स ने अपने अपने स्कूल में भी कैरियर ट्री बनवाया था. प्रदीप शिक्षा के साथ-साथ बच्चों को समाजिक कार्य में भी रुचि लेने के लिए प्रेरित करते रहते हैं. प्रदीप लगभग 25 बार रक्तदान भी कर चुके हैं.
स्कूल में बने टॉयलेट को एक बस का रूप दे दिया. राज्य स्तरीय अवार्ड के लिए चयन- प्रदीप मलिक को प्रशासन द्वारा कई बार सम्मानित किया जा चुका है. प्रदीप ने बताया कि राज्य शिक्षक पुरस्कार 2020 (STATE TEACHER AWARD 2020) के लिए उनका चयन हुआ है. इसके लिए 22 जुलाई 2021 को सूची आ गई थी. हालांकि कोरोना की वजह से पिछले साल कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जा सका था. इस साल शिक्षक दिवस 2022 (Teachers Day 2022) के मौके पर हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय उन्हें यह अवॉर्ड देंगे.
सरकारी स्कूल के कमरों को रेल के डिब्बों का रूप देकर उन पर शिक्षण सामग्री को अंकित कर दिया था क्या है राज्य शिक्षक पुरस्कार पाने की प्रक्रिया-एक अध्यापक कोराज्य शिक्षक पुरस्कार (State Teacher Award) पाने के लिए 15 साल की सर्विस को पूरा करना जरूरी होता है. शिक्षा के साथ साथ विद्यालय में छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए टीचर द्वारा क्या क्या प्रयास किए गए हैं. आप मूलभूत सुविधाओं को सुधारने के लिए क्या प्रयास कर रहे हैं. टीचर ने अपनी टीचिंग में आईसीटी का कितना प्रयोग किया है. टीचर द्वारा आधुनिक तकनीक का प्रयोग करते हुए अपनी टीचिंग को कितना रूचिकर और सरल बनाया है. इन सब बातों को ध्यान में रख टीचर्स को मार्क्स दिए जाते हैं. इसके बाद राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए पात्र हो पाते हैं.