पानीपत: जिले में ठोस कूड़ा प्रबंधन प्रोजेक्ट में घोटाले का खुलासा हुआ है. इस घोटाले का खुलासा एक आरटीआई के जरिए हुआ है. आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने जेबीएम कंपनी को ढाई वर्ष पूर्व खट्टर सरकार द्वारा सफाई कार्य करने के लिए दिए गए ठेके को घोटाला बताते हुए ठेका तत्काल रद्द करने की मांग की है.
कूड़ा उठाने के लिए दिए करोड़ों पर कूड़ा नहीं उठा
कपूर ने बताया कि फरवरी 2018 से जुलाई 2020 तक ढाई वर्ष की अवधि में नगर निगम पानीपत ने जेबीएम कंपनी को कुल 3,64,673 टन कूड़ा उठाने के बदले में 36 करोड़ 40 लाख 864 रु का भुगतान किया है. वहीं नगर पालिका समालखा ने 1 मार्च 2018 से 30 जून 2020 तक की अवधि में 20,690 टन कूड़ा उठाने के बदले 2 करोड़ 11 लाख 26 हजार 141 रुपये का भुगतान जेबीएम कंपनी को किया है.
ये भुगतान एग्रीमेंट की शर्तों के अनुसार प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट द्वारा सफाई कार्य के निरीक्षण की वेरिफिकेशन के पश्चात किए जाने थे, लेकिन सफाई ठेका कार्य शुरू होने के ढाई वर्ष बीत जाने के बावजूद भी पीएमयू (प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट) का गठन नहीं किया गया.
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