हरियाणा

haryana

ETV Bharat / city

हरियाणा में बुधवार से खुले प्राइमरी स्कूल, पहले दिन नाममात्र ही पहुंचे बच्चे - हरियाणा में बुधवार से खुले प्राइमरी स्कूल

पानीपत जिले के निजामपुर प्राइमरी स्कूल में ईटीवी भारत की टीम पहुंची. इस स्कूल में लगभग 272 के करीब बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं, परंतु पहले दिन तीसरी से पांचवी क्लास में बच्चों की संख्या मात्र 3 से 4 फीसदी ही रही.

primary-schools-open-in-haryana-less-children-arriving-on-first-day-at-panipat
हरियाणा में बुधवार से खुले प्राइमरी स्कूल, पहले दिन नाममात्र ही पहुंचे बच्चे

By

Published : Feb 24, 2021, 5:14 PM IST

पानीपत:कोरोनावायरस के कारण लगे लॉकडाउन ने शिक्षा पर भी लॉक लगा दिया था. परंतु लंबे अंतराल के बाद अब स्कूलों में शिक्षा पटरी पर लौटती नजर आ रही है. सरकार की गाइडलाइंस के बाद अब प्राइमरी स्कूलों को भी खोलने की अनुमति दे दी गई है.

इस परमिशन के साथ ही हरियाणा में बुधवार से प्राइमरी स्कूल खुल गए. स्कूल खुलने के साथ ही बच्चों ने भी आना शुरू कर दिया है. ईटीवी भारत की टीम ने पानीपत के सरकारी स्कूल में जाकर जायजा लिया कि सरकार द्वारा दी गई हिदायतों का पालन स्कूल प्रशासन द्वारा किस तरह किया जा रहा है.

हरियाणा में बुधवार से खुले प्राइमरी स्कूल, पहले दिन नाममात्र ही पहुंचे बच्चे

पानीपत जिले के निजामपुर प्राइमरी स्कूल में ईटीवी भारत की टीम पहुंची. इस स्कूल में लगभग 272 के करीब बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं, परंतु पहले दिन तीसरी से पांचवी क्लास में बच्चों की संख्या मात्र 3 से 4 फीसदी ही रही.

ये भी पढ़ें-सिरसा: ग्रामीण क्षेत्र में भी खुले स्कूल, कोरोना गाइडलाइंस का रखा गया ख्याल

कोरोना काल के बाद खुले इन स्कूलों में स्कूल प्रशासन की तरफ से सभी पुख्ता इंतजाम किए गए थे. स्कूल की एंट्री पर ही टेंपरेचर, हैंड सेनिटाइजर, मास्क लगाने के बाद ही बच्चों को स्कूलों में एंट्री दी जा रही है. अगर किसी बच्चे का टेंपरेचर बढ़ा हुआ मिलता है तो उसे वापस भेज दिया जाता है.

स्कूल के इंचार्ज देवेंद्र मित्तल ने बताया कि छोटे बच्चों की क्लास शुरू करना इस समय चुनौती भरा रहेगा. क्योंकि बड़े बच्चों को तो समझाया जा सकता है. लेकिन छोटे बच्चों को समझाना बहुत ही मुश्किल है.

बच्चों को बार-बार इस बारे में बताया जा रहा है कि किसी से कुछ भी आदान-प्रदान ना करें. बार-बार हाथ सैनिटाइज करवाए जा रहे हैं और सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए एक बेंच पर एक ही बच्चे को बिठाकर पढ़ाया जा रहा है. बड़े बच्चों से मुश्किल कार्य छोटे बच्चों को समझाना और उनका ध्यान रखना है.

ये भी पढ़ें-रोहतक में एक साल बाद खुले तीसरी से पांचवी तक के स्कूल, नियम व हिदायतों का रखा जा रहा है ध्यान

ABOUT THE AUTHOR

...view details