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पानीपत: प्रवासी मजदूरों को रलवे स्टेशन पर पुलिस ने पीटा, शेल्टर होम में गए तो मालिक ने की पिटाई

लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों पर कई तरह की मार पड़ रही है. पहला तो उन्हें कई-कई सौ किलोमीटर पैदल चलकर अपने घर जाना पड़ रहा है, दूसरा कई जगह पुलिस भी लाठियां बजा देती है तो वहीं अब पानीपत में एक फार्म हाउस में रह रहे मजदूरों की फार्म हाउस मालिक ने बेरहमी से पिटाई की और बाहर निकाल दिया.

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Published : May 20, 2020, 2:17 PM IST

पानीपत: कोरोना के कारण देश में लॉकडाउन का चौथा चरण शुरू हो चुका है. इस दौरान सरकार ने कई प्रकार की रियायतें और दी हैं, लेकिन अभी भी मजदूरों की परेशानी खत्म होने का नाम नहीं ले रही. ताजा मामला पानीपत का है जहां प्रवासी मजदूरों पर हर और से लाठियां बरस रही हैं. स्टेशन पहुंचे तो पुलिस ने पिटाई की, शेल्टर होम पहुंचे तो वहां के मालिक ने पीटा.

स्टेशन पर पुलिस तो शेल्टर होम में मालिक ने की पिटाई

फैक्ट्रियों में काम करने वाले मजदूर, हजारों किलोमीटर दूर अपने घरों से रोजगार की तलाश में हरियाणा आए थे. उन्होंने ये कभी नहीं सोचा होगा कि एक दिन अपने घर जाने से उन्हें रोका जाएगा और लाठियां खानी पड़ेंगी. पानीपत में रह रहे प्रवासी मजदूरों का आरोप है कि पानीपत के सेक्टर-25 में बनें शेल्टर होम में रह रहे प्रवासी मजदूरों पर पुलिस व शेल्टर होम के मालिक ने बेरहमी दिखाते हुए डंडों से पिटाई की और उन्हें बाहर निकालकर अपने घर जाने के लिए कह दिया.

पानीपत में प्रवासी मजदूरों को रलवे स्टेशन पर पुलिस ने पीटा, शेल्टर होम में गए तो मालिक ने की पिटाई.

प्रवासी मजदूरों का कहना है कि वे लगातार तीन दिन से रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड के चक्कर काट रहे हैं. सभी दस्तावेज भी जमा करवा दिए हैं लेकिन इन्हें कल आने की बात कह कर फिर वापस भेज दिया जाता है. स्टेशन पर इकट्ठा होने पर पुलिस द्वारा डंडे मारे जाते हैं. शेल्टर होम में वहां का मालिक पीटकर भगा रहा है.

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वहीं जब हालत बेकाबू हो गए तो पुलिस ने मजदूरों के जख्मों पर मरहम लगाने की कोशिश की. पुलिस ने शेल्टर होम भिजवाने के लिए मजदूरों के लिए बस मंगवाई लेकिन सभी मजदूरों ने बस में बैठने से मना कर दिया. महिला मजदूरों का कहना था कि पहले डंडे मारते हो फिर बस में बैठाते हो, हमें बस में नहीं बैठना. फिर जो मजदूर बस में बैठे थे वो भी नीचे उतर कर पैदल जाने लगे.

पानीपत पिटाई के निशान दिखाते हुए प्रवासी मजदूर.

पैदल ही अपने घरों के लिए निकले मजदूर

इसके बाद हजारों मजदूर अपना बोरिया बिस्तर उठाकर पैदल ही पलायन करने निकल पड़े. ये मजदूर 50 से 100 किलोमीटर नहीं जाएंगे बल्कि किसी को 1500 तो किसी को 1800 किलोमीटर का सफर तय करना है. प्रवासी मजदूरों का यह भी कहना था कि उन्हें इस दौरान प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं मिली, ना खाना मिला और ना ही कुछ अन्य तरह की सुविधाएं.

वहीं जब इस बारे में डीएसपी सतीश वत्स से बात की गई तो उनका कहना था कि मजदूर बड़ी संख्या में बाहर आये थे. उनको शेलटर होम में ठहराने का प्रबंध किया गया है. ट्रेनें चलने की सूचना पर स्टेशन पर मजदूर बड़ी संख्या में इक्कठा हुए थे. मजदूरों से प्रर्थना की जा रही है कि वे पैदल ना जायें अपनी बारी का इंतजार करें.

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