पानीपत: प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों को हो रही परेशानी को देखते हुए केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा लगातार प्रवासी मजदूरों को श्रमिक ट्रेन की सहायता से उनके गृह राज्य भेजा जा रहा है. वहीं कुछ मजदूर दिल्ली से ट्रेन लेने के लिए अभी भी पैदल ही कूच कर रहे हैं. बता दें कि लॉकडाउन के पहल चरण में प्रवासी मजदूरों ने बड़ी संख्या में पैदल ही घर की तरफ पलायन करना शुरू कर दिया था. जिसके बाद उन्हें शेल्टर होम में रखा गया था.
वैसा ही नजारा एक बार फिर पानीपत में देखने को मिल रहा है. लॉकडाउन के चलते प्रवासी मजदूरों के सामने रोटी रोजी का संकट पैदा हो गया है. गरीब मजदूर अपने परिवार को दो वक्त का भोजन भी नहीं करा पा रहा है. जिसके चलते प्रवासी मजदूरों ने अपने गृह राज्य की ओर पैदल ही रुख कर दिया है.
ट्रेन पकड़ने के लिए पैदल ही दिल्ली जा रहे हैं प्रवासी मजदूर. सरकार द्वारा श्रमिक ट्रेनों की सहयता से प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्य भेजा जा रहा है. जिसके चलते पंजाब, यूपी, बिहार के प्रवासी मजदूर पैदल ही ट्रेन पकड़ने के लिए दिल्ली ओर रुख कर रहे हैं. प्रवासी मजदूर पानीपत से होते हुए दिल्ली जा रहे हैं. वहीं कोरोना के कहर को देखते हुए उन्हें पानीपत के सरकारी स्कूल में बने शेल्टर होम में रोका जा रहा है.
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एसडीएम दलबीर सिंह ने बताया कि अब तक पानीपत जिले से लगभग 1,00,000 से अधिक मजदूरों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है और तीन हजार मजदूरों को उनके राज्यों में पहुंचाया भी जा चुका है. अधिकतर मजदूर उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. जिन्हें लगातार बसों और ट्रेनों की सहायता से उनके गृह राज्य में पहुंचाया जा रहा है. वहीं पानीपत की सड़कों पर बढ़ती मजदूरों की भीड़ को देखते हुए उन्हें सरकारी स्कूल में बने शेल्टर होम में रखा गया है और धीरे-धीरे उन्हें अपने राज्यों में पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है.