पानीपत: भारी बारिश की वजह से यमुना की तलहटी पर बसे गांवों में बाढ़ का खतरा बना रहता है. खासतौर पर मॉनसून के सीजन में जिसे लेकर प्रशासन पूरी तैयारी के दावे भी करता है. बाढ़ का खतरा देखते हुए इस बार भी प्रशासन द्वारा बाढ़ प्रबंधन के बड़े-बड़े दावे किये गए थे, लेकिन वो फेल होते नजर आ रहे हैं.
यमुना की तलहटी पर बसे गांव मिर्जापुर के लोगों को बाढ़ का खतरा सताने लगा है. प्रशासन द्वारा जुलाई में तटबंदों की मरम्मत करवाई गई थी और पत्थर भी डलवाये गए थे ताकि किसी प्रकार का कटाव ना हो लेकिन हल्का सा पानी छोड़े जाने से यमुना के तटबंध पर कटाव शुरु हो गया है.
यमुना में पानी बढ़ने के कारण पानीपत के गांवों पर मंडराया बाढ़ का खतरा. ग्रामीणों का आरोप है प्रशासन द्वारा तीन से चार ट्रक पत्थर डलवाये गए. जिनको पानी में वैसे ही फेंक दिया गया. उन पर लोहे के जाल से सेटिंग नहीं की गई जिस वजह से पत्थर पानी में बह गए और तटबंध पर कटाव शुरु हो गया. अगर यमुना नदी में पानी का जलस्तर और बढ़ा तो बांध टूट जायेगा और उनके गांव में बाढ़ जैसे हालात बन जाएंगे.
बता दें कि यमुना नदी में हाल ही में पानी छोड़ा गया है जो कि पानीपत में देर रात तक पहुंच जायेगा, जिससे ग्रामीणों और प्रशासन की मुसीबतें बढ़ सकती हैं. वहीं अभी तक प्रशासन की ओर से इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया है.