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'अगर सरकार ध्यान देती तो पानीपत की गौशाला में लॉकडाउन इतनी गायों की जान ना लेता' - पानीपत समाचार

पानीपत की एक गौशाला में गायों की हालत बदतर है. लॉकडाउन में चारे की कमी के चलते कई गयों ने भूख के कारण दम तोड़ा है.

cows died during lockdown in gaushala panipat
पानीपत की गौशाला में लॉकडाउन के दौरान मरी ज्यादा गाय

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Published : Jun 14, 2020, 11:02 PM IST

पानीपत: हरियाणा में बीजेपी सरकार गौवंश की रक्षा और सुरक्षा की कसमें खाती नहीं थकती. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. पानीपत के समालखा चुलकाना रोड पर स्थित श्री कृष्ण गौशाला में 80 गाय दम तोड़ चुकी हैं. इसमें सबसे ज्यादा गाय लॉकडाउन के दौरान मरी हैं.

कम जगह में रहती हैं ज्यादा गाय

पानीपत के समालखा में श्री कृष्ण गौशाला नाम से एक गौशला है. गौशाला साढ़े 3 एकड़ में बनी है. गौशाला में चारों तरफ गंदगी पसरी है. ना गायों के लिए चारा है और ना साफ-सफाई का इंतजाम. गौशाला में गाय रखने की क्षमता 1100 है लेकिन यहां क्षमता से ज्यादा 1850 गाय मौजूद हैं. इसलिए सभी गायों को पेट भर चारा नहीं मिल पाता. गौशाला में गाय अधिक होने के कारण गाय की मौतें होती रहती हैं. हालांकि गौशाला संचालकों का कहना है कि यहां ज्यादातर गाय बीमार अवस्था में आती हैं जिनकी मौत होना स्वभाविक है.

पानीपत की गौशाला में लॉकडाउन के दौरान मरी ज्यादा गाय

'लॉकडाउन के दौरन हुई हरे चारे की कमी'

गौशाला संचालकों का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान सरकार व लोगों द्वारा हरा चारा नहीं पहुंचाया गया, जिसके कारण गाय मरती चली गईं. इसके साथ ही उनका कहना है कि लोग उनके पास बीमार व घायल गाय छोड़ जाते हैं जिसके चलते वो जल्दी मर जाती हैं और गायों की मौत गौशाला में निरंतर होती ही रहती है लेकिन सरकार द्वारा भी कोई मूलभूत सुविधाएं उन्हें नहीं मिलती. गौशाला संचालकों ने बताया कि चारा समाजसेवी संस्थाओं व दानी सज्जनों से आता है. सरकार द्वारा थोड़ा बहुत सहयोग ही गौशालाओं को किया जाता है.

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