पंचकूला:जिले के हिल स्टेशन और प्रमुख पर्यटन स्थल मोरनी गांव में असुविधा के अभाव के कारण स्थानीय लोगों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रहा (People Facing Problems in Morni Village) है. दरअसल गांव में नदी के ऊपर पुल न होने के कारण बरसात के मौसम में अपनी जान को हथेली में रखकर छोटे-छोटे बच्चों, महिलाओं स्मेत अन्य लोग नदी पार करने को मजबूर हैं. बच्चों को रोजाना स्कूल जाने और आने के लिए इसी रास्ते से जाना पड़ता (Lack of Bridge On Babarwali river) है.
भारी बरसात के कारण अभिभावकों की चिंताएं उस समय और बढ़ जाती हैं जब नदी उफान पर होती है. बता दें, पंचायत क्षेत्र में सैकड़ों लोग रहते है. रोजाना 30-35 बच्चे नदी पार कर स्कूल पहुंचते हैं. बच्चे गांव से करीब 5 किलोमीटर दूर पढ़ने जाते हैं. अभिभावकों को छुट्टी के समय नदी किनारे खड़े होकर अपने बच्चों का इंतजार करना पड़ता है. जान जोखिम में डालकर बच्चों को नदी पार करनी पड़ती है.
ग्रामीणों ने बताया कि बाबर वाली नदी पर पुल न होने के कारण गांव बाबर वाली (Babarwali river in Panchkula) , बाग वाली, मथाना और दूदलादी गांव के स्कूली बच्चों को जान जोखिम में डालकर स्कूल जाना पड़ता है. उन्होंने बताया कि जब नदी उफान पर होती है तो उन्हें अपने बच्चों को नदी पार करने के लिए नदी किनारे खड़े होकर उनका इंतजार करना पड़ता है. बताया कि उफनती नदियों के बीच अपने बच्चों को कंधो पर उठा कर नदी पार करवानी पड़ती है. जिस कारण ग्रामीण डर के साऐ मे जीने को मजबूर हो रहे हैं.
ग्रामीणों ने बताया की बरसात के दिनों में स्कूली बच्चों के साथ-साथ मरीजों (Babarwali river in Morni Village), गर्भवती महिलओं व आम जनता को या तो जान जोखिम मे डालनी पड़ती है या फिर घंटो नदी किनारे खडे होकर पानी उतरने का इंतजार करना पड़ता है. ऐसे में ग्रामीणों ने जिला प्रशासन व हरियाणा सरकार से मांग की है की इस नदी पर पूल लगाया जाऐ ताकि स्कूली बच्चे हादसे का शिकार न हो सके. वहीं पंचकूला के उपाध्यक्ष महावीर कौशिक ने बताया कि उनके संज्ञान में यह मामला आ गया है और वे जल्द ही लोगों की इस समस्या का समाधान करेंगे.