पंचकुला:हरियाणा पुलिस ने एक बार फिर सक्रिय दृष्टिकोण का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए परिवार से बिछडे़ दो बच्चों और दो वयस्कों सहित चार लापता लोगों का पता लगाकर उन्हें एक सप्ताह में उनके परिजनों से मिलवाया है. हरियाणा पुलिस के प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि ये सभी पड़ोसी देश नेपाल सहित कर्नाटक, पंजाब और बिहार राज्य के अलग-अलग स्थानों से लापता थे.
इनमें से दो मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति जो सूचना के तौर पर सिर्फ एक शब्द ही साझा कर सकते थे जिसे पुलिस ने एक लीड के रूप में लेकर कार्य करते हुए अपने स्रोतों द्वारा उनके परिजनों को खोज कर उन्हें परिवारों में मिलवाया.
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पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने के लिए एक सक्रिय दृष्टिकोण होना आवश्यक है. हमारी एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट सभी राज्यों में अधिकांश बाल व आश्रय गृहों के संपर्क में रहती है. जैसे ही पुलिस को लापता बच्चे या व्यक्ति के बारे में कोई जानकारी मिलती है, तो उनसे संपर्क कर उनकी काउंसलिंग कर मिली जानकारी के आधार पर समर्पित भाव से परिजनों की खोज की जाती है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश के साथ-साथ देश भर में लापता बच्चों की पहचान कर उन्हें उनके परिजनों को सौंपने के प्रयास जारी हैं. दरअसल पहले मामले में, पुलिस ने नेपाल से गुमशुदा 16 वर्षीय लड़की को परिवार से मिलवाया. यह लड़की 2015 से नेपाल के पुलिस स्टेशन सुखर एरिया से लापता थी और वह चिल्ड्रन होम, कानपुर में रह रही थी.
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लड़की ने केवल नेपाल में रह रहे अपने पिता के नाम और गाँव के नाम के बारे में जानकारी दी. इसी आधार पर नेपाल में एक एनजीओ से संपर्क कर सभी डिटेल भेज कर परिवार की तलाश की गई. सभी औपचारिकताएं पूर्ण कर सीडब्ल्यूसी कानपुर के आदेश से लड़की को 3 मार्च, 2021 को नेपाल पुलिस की मौजूदगी में उसके पिता से मिलवाया गया.
एक अन्य मामले में, पुलिस ने लुधियाना के जमालपुर से गुम हुए 6 साल के एक बच्चे को 1.5 साल बाद परिजनों से मिलवाया. यह बच्चा अगस्त 2019 से गाजियाबाद के घरोंदा बाल आश्रम में रह रहा था. बच्चे व अन्य साधनों से जुटाई महत्वपूर्ण सूचनाओं के आधार पर बच्चे की एक तस्वीर व्हाट्सएप के माध्यम से परिजनों को भेजी गई, तो उन्होंने बच्चे को पहचान लिया और सभी औपचारिकताएं पूरी कर 1 मार्च को उसे माता-पिता को सौंप दिया.
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एक और मामले में, जिला अररिया (बिहार) से चार वर्ष से लापता मानसिक बीमार महिला को परिजनों से मिलवाया. यह महिला यमुनानगर के एक शेल्टर होम में रह रही थी. काउंसलिंग के आधार पर पुलिस ने आगे बढ़ते हुए परिजनों की खोजबीन कर संबंधित अधिकारियों के सहयोग से 3 मार्च को उसे परिवार को सौंपा.
इसी प्रकार एएचटीयू की टीम ने एक और मानसिक रूप से बीमार 7 साल से गुमशुदा व्यक्ति को परिवार से मिलवाया. यह व्यक्ति कर्नाटक के तुमकुर से गुम हुआ था जिसकी पुलिस में रिपोर्ट दर्ज थी. लापता युवक यमुनानगर में एक आश्रय गृह में रह रहा था. पुलिस टीम ने विशेष प्रयास करते हुए उसके परिवार का पता लगाया अंत में 7 मार्च, 2021 को आवश्यक कार्रवाई पूरी करते हुए उसे परिजनों को सौंपा.