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कांग्रेस प्रवक्ता रंजीता मेहता ने निजी अस्पताल पर लगाए ज्यादा बिल वसूलने के आरोप - रंजीता मेहता पंचकूला पारस अस्पताल बिल

पंचकूला में कोरोना संक्रमित कांग्रेस प्रवक्ता रंजीता मेहता ने पारस हॉस्पिटल पर ज्यादा बिल वसूलने का आरोप लगाया है. उन्होंने इस संबंध में अस्पताल प्रबंधन को पत्र लिखा है.

ranjeeta mehta panchkula bill
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Published : Sep 3, 2020, 10:23 PM IST

पंचकूला: एक तरफ हरियाणा में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ निजी अस्पतालों की मनमानी भी बढ़ती जा रही है. निजी अस्पताल की मनमानी का शिकार इस बार कोई आम आदमी नहीं बल्कि राजनेता हुई हैं.

रंजीता मेहता ने लगाए ज्यादा बिस वसूलने के आरोप

दरअसल कांग्रेस प्रवक्ता रंजीता मेहता ने नाडा साहिब के पास स्थित पारस हॉस्पिटल में कोरोना के इलाज का ज्यादा बिल वसूलने का आरोप लगाया है. उन्होंने इस संबंध में अस्पताल प्रबंधन को पत्र भी लिखा है.

तीन दिन का 97 हजार का बिल थमाया

रंजीता मेहता ने बताया कि कोरोना का इलाज कराने के बाद उन्हें एक सितंबर को अस्पताल से छुट्टी दी गई थी और जब उन्होंने बिल देखा तो पाया कि जो टेस्ट अस्पताल ने किए ही नहीं उनका भी बिल थमा दिया, अस्पताल ने उन्हें तीन दिन का 97 हजार रुपये का बिल थमाया.

कांग्रेस प्रवक्ता रंजीता मेहता ने निजी अस्पताल पर लगाए ज्यादा बिल वसूलने के आरोप

उन्होंने बताया कि पंचकूला सेक्टर-6 नागरिक अस्पताल से ही उन्हें कैनुला लगा दिया गया था और इस अस्पताल में आने के बाद उन्हें कोई कैनुला अलग से नहीं लगाया गया. इसके साथ ही दस एन-95 मस्क के 3500 रुपये चार्ज किए गए हैं. इसके अलावा 5 हजार की पीपीई किट चार्ज की गई है.

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रंजीता मेहता ने बताया कि जबकि उन्होंने अपना इलाज सामान्य वार्ड में कराया था और फिर भी अस्पताल ने बैड के लिए उनसे प्रति दिन के 10 हजार रुपये चार्ज की गए हैं, जिसकी जानकारी अस्पताल के प्रबंधन ने पहले नहीं दी थी. वहीं बिल में ईसीजी टेस्ट भी दिखाया गया जो कि हुआ ही नहीं है.

सीएमओ ने कही कार्रवाई करने की बात

वहीं इस मामले में पर जब पंचकूला सिविल सर्जन डॉ. जसजीत कौर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अगर पीड़िता उन्हें लिखित में शिकायत देती हैं तो वे इस पर कार्रवाई करेंगी. अगर पारस हॉस्पिटल ने सरकार द्वारा जारी की गई पैकेज की लिमिट से ज्यादा रकम वसूली है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी.

एक तरफ तो कोरोना का बढ़ता संक्रमण और दूसरी तरफ निजी अस्पतालों की मनमानी. और ये सब भी स्वास्थ्य मंत्री द्वारा निजी अस्पतालों को मनमानी ना करने की चेतावनी देने के बाद भी जारी है. अब अगर प्रदेश के नेता भी निजी अस्पतालों की मनमानी के शिकार हो रहे हैं तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि आम लोगों का क्या हाल होगा.

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