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बाबा मार्कण्डेय के चमत्कार की कहानी, नदी के नीचे से निकालनी पड़ी नहर

बाबा मार्कण्डेय ने इंजीनियर से कहा कि तुम नहर को नदी के नीचे से ले जाओगे तो कार्य सफल होगा. उसके बाद चीफ इंजीनियर ने अगली सुबह उच्च अधिकारियों से बात कर भाखड़ा नहर को मारकंडा नदी के नीचे से निकालने का कार्य शुरू किया ओर वो सफल रहा.

The story of Baba Markandeya's miracle

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Published : Nov 3, 2019, 4:09 PM IST

कुरूक्षेत्रः भारत देश को सदा से ऋषि मुनियों ओर तपस्वियों की भूमि माना जाता है. यहाँ ऋषि मुनियों घोप तपस्याएं की हैं. ऐसे ही एक ऋषि मारकंडा की कहनी आज आपको बता रहे है. जिनको भगवान शिव ने अमर कर नदी के रूप में बहने का वरदान दिया था. मारकंडा ऋषि की शक्तियों का उदाहरण कुरुक्षेत्र जिला है.

नदी के नीचे से निकालनी पड़ी नहर
साल 1955 के करीब जब कुरूक्षेत्र से नरवाना के लिए भाखड़ा नहर को बनाया जा रहा था तो कुरुक्षेत्र के झांसा गांव में इंजीनियर भाखड़ा नहर को मारकांडा नदी के ऊपर से निकलना चाहते थे. लाखों रुपए के खर्च से नहर का ढांचा तैयार किया जाता था, लेकिन पूरा तैयार होने के बाद ढांचा खुद ब खुद ध्वस्त हो जाता था. ऐसा दो बार हुआ.
इंजीनियरों की तमाम कोशिशों के नाकाम हो जाने के बाद किसी ग्रामीण ने बताया कि मारकंडा नदी ऋषि का रूप है. यहां बाबा मारकंडा से इजाजत लेकर ही कार्य शुरू किया जा सकता है.

बाबा मार्कण्डेय के चमत्कार की कहानी, देखें रिपोर्ट.

बाबा ने बच्चे के रुप में दिया दर्शन
ग्रामीणों का कहना है कि उसी रात चीफ इंजीनियर को रात में बच्चे के रूप में बाबा मार्कण्डेय ने दर्शन दिया और कहा कि वो एक ख्वाजा हैं और एक ख्वाजा अपने ऊपर से किसी दूसरे ख्वाजा को नहीं गुजरने देता.

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इंजीनियर को दिया दिशा-निर्देश
बाबा मार्कण्डेय ने इंजीनियर से कहा कि तुम नहर को नदी के नीचे से ले जाओगे तो कार्य सफल होगा. उसके बाद चीफ इंजीनियर ने अगली सुबह उच्च अधिकारियों से बात कर भाखड़ा नहर को मारकंडा नदी के नीचे से निकालने का कार्य शुरू किया ओर वो सफल रहा.

मारकंडा नदी के किनारे पर ही बने ऋषि मार्कण्डेय के मंदिर के प्रधान संत लाल ने बताया कि यहां बाबा मार्कण्डेय जी के अनेकों चमत्कार आज भी देखने को मिल जाते हैं.
वहीं कुछ ग्रामीणों का कहना है कि मारकंडा नदी पुरूष रूप है और भाखड़ा नहर में सतलुज नदी का पानी आता है, सतलुज नदी एक महिला रूप है तो महिला कभी पुरुष के ऊपर से नहीं गुजर सकती तो नहर को नीचे से निकलना यह भी एक कारण रहा है.

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नदी से मिट्टी नहीं निकाल पाई थी जेसीबी मशीन
वहीं मारकंडा नदी के बारे में गांव के गुरुद्वारे के पाठी ने बताया कि घमंड में आ कर यहां कोई भी कार्य नहीं कर सकता. वह स्वयं ही एक उदहारण है, गुरुद्वारे को बनवाने के लिए जब मारकंडा नदी से मिट्टी निकलना चाहा तो लाख कोशिशों के बाद भी जेसीबी मशीन मिट्टी नहीं निकाल पाई थी. पाठी ने बताया कि अब बाबा मारकंडा से इजाजत ली गई तो ही नदी से मिट्टी निकालने का कार्य पूरा हो सका. पाठी ने बाबा मारकंडा की शक्तियों से जुड़े कई और उदहारण भी बताए.

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