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थानेसर विधानसभा की जनता का घोषणा पत्र, कहा 'हमें चाहिए रोजगार और भरपूर बिजली'

थानेसर विधानसभा की जनता ने ईटीवी भारत के विशेष कार्यक्रम जनता के घोषणा पत्र में बताया कि उनके लिए किन चीजों की घोषणाएं होनी चाहिए.

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Published : Sep 19, 2019, 6:30 PM IST

कुरुक्षेत्रःथानेसर विधानसभा में ईटीवी भारत की टीम अपने विश्ष कार्यक्रम जनता का घोषणा पत्र के तहत पहुंची और वहां की जनता से जाना कि अगर आपको अपना घोषणा पत्र बनाने का मौका मिले तो आप किन समस्याओं को सबसे ऊपर रखेंगे. ये कार्यक्रम ईटीवी भारत ने इसलिए शुरू किया है क्योंकि राजनीतिक पार्टियां हमेशा घोषणा पत्र बनाती हैं लेकिन उस पर कभी अमल नहीं होता या घोषणा पत्र में वो समस्याएं ही नहीं होती जिनसे जनता रोजाना दोचार होती है. इसलिए ईटीवी भारत ने अपने सरोकार को निभाते हुए 'जनता का घोषणा पत्र' कार्यक्रम के तहत जनता को मौका दिया है कि वो अपना घोषणा पत्र बनाए ताकि राजनीतिक पार्टियों तक उनकी आवाज और असल समस्याएं पहुंचे.

जनता को भ्रष्टाचार से चाहिए आजादी
थानेसर विधानसभा के लोग भ्रष्टाचार को लेकर काफी गुस्से में दिखे. ईटीवी भारत की टीम ने जब उनसे पूछा कि आपको अगर घोषणा पत्र बनाना हो तो आप किन मुद्दों को सबसे ऊपर रखेंगे. तो उनका कहना था कि निचले लेवल पर भ्रष्टाचार बहुत है. हम चाहेंगे कि पहले भ्रष्टाचार दूर किया जाए.

देखिए थानेसर विधानसभा की जनता का घोषणा पत्र

बेरोजगारी बड़ा मुद्दा
कुरुक्षेत्र जिले की थानेसर विधानसभा के लोगों के लिए बेरोजगारी भी एक बड़ा मुद्दा है. उनका कहना है कि हमारे यहां के नौजवानों के पास कोई काम नहीं है. सब बेरोजगार घूम रहे हैं ऐसे में हम चाहते हैं कि बेरोजगारी दूर की जाए.

विशेष दर्जा देने की मांग
एक व्यक्ति का कहना था कुरुक्षेत्र को धर्म नगरी कहा जाता है लेकिन यहां विकास के नाम पर कुछ नहीं हुआ है. सड़कों से लेकर बिजली तक का बुरा हाल है इसीलिए कुरुक्षेत्र को विशेष शहर का दर्जा मिलना चाहिए ताकि यहां तेजी से विकास हो सके और यहां आने वाले पर्यटकों के लिए सुविधाएं हो सकें.

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शिक्षा बड़ी समस्या
थानेसर विधानसभा के लोगों का कहना है कि यहां शिक्षा के हालात काफी खराब हैं. बच्चों को पढ़ने के लिए बाहर जाना पड़ता है. लिहाजा वो चाहते हैं कि घोषणा पत्र में शिक्षा को अहम जगह दी जाए और इस समस्या को दूर किया जाए.

सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल
थानेसर विधानसभा में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी लोगों ने सवाल खड़े किए उनका कहना था कि यहां चोरी-चकारी आम बात हो गई है पुलिस सही तरीके से काम नहीं कर रही है. इसलिए वो चाहते हैं कि सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाए.

बिजली भी बड़ा मुद्दा
यहां के लोगों की कहना था कि थानेसर में बिजली भी एक बड़ी समस्या है. गांव में तो बिजली बेहद कम आती है. इसलिए वो चाहेंगे कि घोषणा पत्र में बिजली के मुद्दे को भी जगह मिले.

थानेसर विधानसभा के समीकरण
2014 में यहां से बीजेपी के सुभाष सुधा ने इनेलो के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा को हराया था. हालांकि अब अशोक अरोड़ा कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं. इस विधानसभा पर 2014 से पहले कांग्रेस का दबदबा रहा है. यहां से ज्यादातर बनिया या पंजाबी विधायक रहे हैं. कुरुक्षेत्र थानेसर का ही पुराना नाम है. ज्यादातर धार्मिक स्थल थानेसर में ही पड़ते हैं.

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सुभाष सुधा का राजनीतिक जीवन
सुभाष सुधा स्थानीय निकाय राजनीति में काफी सक्रिय रहे हैं. वो थानेसर नगर परिषद के चेयरमैन भी रह चुके हैं. सुभाष सुधा ने 2009 में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था और तीसरे स्थान पर रहे थे. 2014 में सुभाष सुधा ने बीजेपी के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा और 52 प्रतिशत वोट लेकर विधानसभा पहुंचे.

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