कुरुक्षेत्र: देश की प्राचीनता के कुछ ऐसे किस्से और कहानियां आज भी मौजूद है जिनसे लोग अभी तक अनजान हैं. किस्सा हरियाणा के इस एपिसोड में हम आपको लिए चलते हैं हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर बसे एक ऐसे गांव में जहां कहा जाता है कि त्रेता युग में राजा दशरथ का विवाह इस कड़ाम गांव के राजा भानुमंत की बेटी कौशल्या से हुआ था. उस समय इस नगर का नाम कौशलपुर और कोहेराम देश था. ग्रामीणों का मानना है की माता कौशल्या का जन्म ईसी गांव कड़ाम में हुआ था.
खुदाई में मिले प्राचीन काल के कई सबूत
इस नगर में लगभग 200 फीट ऊंची पहाड़ी नुमा जगह है जिसकी पूर्व राष्ट्रपति और 1971 में तत्कालीन मुख्यमंत्री ज्ञानी जैल सिंह के आदेश पर पुरातत्व विभाग ने खुदाई भी की थी. खुदाई में प्राचीन काल के कई सबूत मिले हैं लेकिन की कमी और कुछ अन्य कारणों की वजह से खुदाई बीच में ही रोक दी गई.
इस गांव में हुआ था श्रीराम की माता कौशल्या का जन्म, जुड़े हैं कई रहस्य कौशल्या के जन्म और इतिहास से जुड़े रहस्य
ग्रामीणों का कहना है कि देश के विभिन्न हिस्सों से पुरातत्व विभाग के लोग आज भी यहां आते रहते हैं और इस गांव में माता कौशल्य के जन्म और इतिहास से जुड़े रहस्यों की तलाश में जुट जाते हैं.
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लोगों का कहना है कि भगवान श्री राम की माता का कौशल्या का जन्म इस गांव कड़ाम में हुआ है इस बात का हवाला पंजाब यूनिवर्सिटी की तरफ से प्रकाशित पुस्तक ग्रंथ ऑफ फोक लोर और कुछ अन्य किताबों में भी मिलता है. वहीं गांव से कुछ ही दूरी पर एक गुरुद्वारा भी बना हुआ है जहां दशरथ और कौशल्या का विवाह संपन्न हुआ था इस गुरुद्वारा साहिब को मिलाप साहिब के नाम से जाना जाता है इस गांव का वर्णन हिंदू धार्मिक ग्रंथ रामायण में भी आता है.
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