कुरुक्षेत्र: हमने कुरुक्षेत्र के पिहोवा खंड में किसानों से खास बातचीत की. यहां के किसानों को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. किसानों का कहना है कि लगातार हो रही पानी की कमी से खेतों में पैदावार भी नहीं होती और भूमिगत जल से सिंचाई करने के लिए परमिशन लेनी पड़ती है. जब परमिशन मिलती है तब समय पर बिजली नहीं मिलती तो इसलिए कई बार खेतों पर लगाई लागत भी नहीं निकल पाती है.
हरियाणा बोल्या: कुरुक्षेत्र में पानी के लिए मचा है हाहाकार, 20 साल से नहर में नहीं आया पानी ! - water shortage
ईटीवी भारत हरियाणा की टीम डार्क जोन क्षेत्र की ग्राउंड रिपोर्ट करने निकली है. हमने जानने की कोशिश की है कि कम भूजल स्तर वाले इलाके के लोग अपना गुजर बसर कैसे करते हैं. इस मुद्दे को लेकर हमने किसानों से बातचीत की. हमारी इस रिपोर्ट में जो बात सामने आई है वो हैरान करने वाली हैं.
किसानों ने बताया कि प्रशासन व सरकार इसकी तरफ कोई खास ध्यान नहीं दे रही. नहर से पानी आये लगभग 20 साल बीत गए. खेतों के बीचों-बीच बनी नहरों में बड़ी-बड़ी घास उग गई हैं. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि खेतों में पानी के देने के लिए बनाई गई ये नहर एक बरसाती पानी की ड्रेन बनकर रह गई है. पानी की कमी को देखते हुए सरकार धान की फसल उगाने के लिए नई विधि डीएसआर से किसानों को प्रेरित कर रही है लेकिन किसानों की मानें तो ये एक घाटे का सौदा है. इस विधि द्वारा खेतों में फसल की पैदावार कम होती है.
किसानों के बाद हमारी टीम पिहोवा क्षेत्र में पीने के पानी की समस्या का हाल जानने पहुंची. वार्ड नंबर-10 की एक कॉलोनी में जहां पीने के पानी को लेकर हाहाकार मचा है. टैंकर से पानी लोगों तक पहुंचाया जाता है और लाख शिकायत करने के बाद भी समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है. लोगों को पीने के पानी के लिए भी तरसना पड़ा रहा है.