कुरुक्षेत्र:शाहाबाद में गांव हबाना के ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि बिना झंडा खरीदे डिपो होल्डर उन्हें राशन नहीं (No ration without tiranga in Kurukshetra) दे रहा है. राशन के साथ एक तिरंगा उन्हें 25 रुपये का दिया जा रहा है. वहीं जब इस बारे में डिपो होल्डर गुलशन से बात की गई तो उन्होंने इन आरोपों को झूठा बताया. डिपो होल्डर ने कहा कि किसी के साथ कोई जबरदस्ती नहीं की जा रही है. राशन देते समय लोगों को झंडे के बारे में बताया जा रहा है. कोई अपनी मर्जी से लेना चाहता है तो ले सकता है. डिपो होल्डर ने कहा कि खाद्य आपूर्ति विभाग ने उन्हें ये झंडे बेचने को कहा है.
इससे पहले करनाल जिले के हेमदा गांव से भी ऐसी खबर आ चुकी है. जहां राशन लेने के लिए डिपो होल्डर के पास जा रहे लोगों को पहले 20 रुपये का तिरंगा झंडा दिया जा रहा था. उसके बाद ही उन्हें राशन मिल रहा था. इस मामले में जब करनाल जिले के हेमदा गांव में राशन डिपो चला रहे दिनेश कुमार का कहना था कि उसके पास ऊपर से आदेश आया है तिरंगा बेचने का. फूड इंस्पेक्टर ने उसे कहा है कि राशन के साथ झंडा देना जरूरी है. जो झंडा नहीं खरीदेगा उसे राशन नहीं (No tiranga no Ration in Haryana) देना है. दिनेश कुमार के मुताबिक वो तो बस ऊपर के अधिकारियों के आदेश का पालन कर रहा है. विभाग ने पहले ही उनसे झंडे का एडवांस पैसा ले लिया है. हर डिपो बेचने के लिए 168 तिरंगे झंडे दिए गए हैं.