कुरुक्षेत्र: साफ सुधरा पर्यावरण हम सभी के लिए बेहद जरूरी है. अगर पर्यावरण ही नहीं रहेगा तो इंसान का पृथ्वी पर रहना असंभव है. मानव विकास जिस रफ्तार से बढ़ रहा है. उसी रफ्तार से पृथ्वी और पर्यावरण की चुनौतियां भी बढ़ रही है. आज के दौर में पर्यावरण को बचाना बेहद जरुरी है. इसमें सरकार ही नहीं बल्कि हर किसी की सहभागिता जरूरी है. हरियाणा की रहने वाली मोनिका भारद्वाज भी ऐसी ही शख्स हैं जो कई सालों से पर्यावरण बचाने की मुहिम चला रही हैं. मोनिका ना केवल पर्यावरण बचाने के लिए काम कर रही हैं बल्कि दूसरों को भी प्रेरित कर रही हैं.
कुरुक्षेत्र की रहने वाली डॉक्टर मोनिका भारद्वाज एक सरकारी अध्यापक होने के साथ-साथ अपनी ग्रीन अर्थ एनजीओ चला रही हैं. मोनिका पर्यावरण के साथ-साथ लोगों को पानी बचाने के लिए भी प्रेरित कर रही हैं. ईटीवी भारत से बात करते हुए मोनिका भारद्वाज कहती हैं कि वो अपने पति और अपने बच्चों के सहयोग से इस मुहिम को चला रही हैं. जिसमें उनके साथ 2 हजार जुड़े हुए हैं. वो सैकड़ों सेमिनार पर्यावरण और जल बचाने के ऊपर पूरे देश भर में कर चुकी हैं. पर्यावरण के प्रति लगाव ही उनको इसके प्रति प्रेरित करता है. मोनिका भारद्वाज के साथ उनकी बेटी भी उनका सहयोग करती है. जब वह 5 वर्ष की थी तब से वह लोगों को पर्यावरण बचाने के जागरूक अभियान से जुड़ी हैं.
मोनिका ने कहा कि अभी तक उनकी सबसे बड़ी भूमिका यह रही कि उन्होंने 2015 में महाभारत स्थली में बने गीता साक्षी वटवृक्ष को बचाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी. क्योंकि उन वृक्ष को कीलों से जड़ा हुआ था. ना ही उसके फूलने के लिए कोई जगह बची थी और ना ही उसकी देखभाल हो रही थी. इसको लेकर उन्होंने अनशन शुरू किया. उसका यह असर पड़ा कि केंद्रीय मंत्री को उनके अनशन पर आना पड़ा और उनकी बात माननी पड़ी. धर्मनगरी कुरुक्षेत्र का सबसे पुराने वटवृक्ष को उन्होंने जड़ से कच्चा करवा दिया जिससे वो फलने-फूलने लगा और दोबारा हरा भरा हो गया.