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Mustarka land in haryana मुस्तरका मालिकाना जमीन मामले में किसानों ने विधायक को सौंपा ज्ञापन - हरियाणा मुस्तरका जमीन मामला

कुरुक्षेत्र में मुस्तरका मालिकाना जमीन Mustarka land in haryana को लेकर किसानों ने सरकार के फैसले का विरोध करते हुए विधायकों को मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा है. किसानों का साफ कहना है कि अगर उनकी मांग नहीं मानी जाती है तो उन्हें आंदोलन पर उतरना पड़ेगा. वहीं किसान नेता गुरनाम चढ़ूनी 25 अगस्त को किसान संगठन के साथ एक महाबैठक भी करने वाले हैं.

Mustarka land in haryana
मुस्तरका मालिकाना जमीन मामला

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Published : Aug 16, 2022, 1:49 PM IST

कुरुक्षेत्र:हरियाणा में किसान एक बार फिर एकजुट हो गए (farmers in haryana) हैं. मुस्तरका जमीन विवाद को लेकर (Mustarka land in haryana) किसानों ने हल्ला बोल दिया है. मुस्तरका मालिकाना जमीन मामले में किसानों ने विधायक सुभाष सुधा के घर पर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन करने दौरान विधायक को ज्ञापन सौंपा और विधानसभा में इस मामले को उठाने की बात की. विधायक ने भी आश्वासन दिया है कि उनकी इस मांग का उचित निवारण निकाला जाएगा.

पत्रकारों से बातचीत करते हुए किसान नेता करमचंद मथाना ने कहा कि सरकार किसानों की जमीन को हड़पना चाहती है. सरकार ने तीन कृषि बिलों को वापस तो ले लिया है लेकिन सरकार ने अब किसानों को परेशान करने का दूसरा रास्ता बनाया है. उन्होंने कहा कि इसी कड़ी में आज हमने विधायकों को ज्ञापन सौंपा है. अगर सरकार इस पर कार्रवाई नहीं करती है तो कोई कड़ा फैसला लिया जाएगा. किसान नेता ने इसके साथ ही बताया है कि मांगे न मानने पर 25 तारीख से विधायकों के घर पर पंचायत शुरू की जाएगी और इसका फैसला 18 तारीख को पेहवा की मीटिंग में लिया जाएगा.

बता दें कि भारतीय किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने पूरे हरियाणा में विधायकों को मांग पत्र सौंपने की बात की थी. इसी के चलते कुरुक्षेत्र में थानेसर से विधायक सुभाष सुधा, लाडवा विधायक मेवा सिंह और शाहबाद विधायक रामकरण काला को मांग पत्र सौंपा गया है.

क्यों कर रहे हैं किसान विरोध: किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी की अगुवाई में किसानों ने सरकार के फैसले का विरोध (farmers protest in haryana) जताया था. विरोध जताते हुए किसानों ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी (Gurnam Singh Chadhuni Farmer Leader Haryana) ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश दिए हैं वो सरकार के इशारे पर आया है. ऐसे में देश के विभाजन के वक्त मुस्तरका की जमीन को सरकार ले रही है वो सरासर गलत है हम इसका विरोध करते हैं. मुस्तरका की जमीन (Mustarka proprietary land case) को लेकर किसान नेता प्रदेशभर में अलग-अलग बैठकें कर रहे हैं और आगे की रणनीति बना रहे हैं. किसान नेता गुरनाम चढ़ूनी ने 25 अगस्त को एक महाबैठक करने की बात कही थी.

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