कुरुक्षेत्रःहरियाणा में बीजेपी और शिरोमणि अकाली दल के गठबंधन को लेकर अभी भी कयासों का बाजार गर्म है. हालांकि सूत्रों के मुताबिक बीजेपी और अकाली दल में 88-2 के फॉर्मूले पर बात हुई है. यानि अकाली दल हरियाणा में बीजेपी के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ सकता है. वो बात अलग है कि अभी तक अकाली दल ये कहता रहा है कि अगर गठबंधन नहीं हुआ तो वो अकेले विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. हालांकि 2014 में अकाली दल ने इनेलो के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा था और एक सीट भी जीती थी.
क्या है अकाली दल का पक्ष ?
शिरोमणि अकाली दल बीजेपी से खुलेतौर पर गठबंधन के लिए तैयार है क्योंकि बीजेपी का साथ उनका पंजाब मे भी गठबंधन है और हरियाणा में बीजेपी की स्थिति भी अच्छी दिख रही है. कुरुक्षेत्र में अकाली नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद बलदेव सिंह भूंदड़ ने कहा कि अगर बीजेपी से हमारा गठबंधन नहीं होता है तो फिर सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेंगे. लेकिन अकाली दल का अकेले चुनाव लड़ना हरियाणा में आसान नहीं है क्योंकि 2014 में वो इनेलो के साथ चुनाव लड़े थे और 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को ही समर्थन दिया था.
क्या है बीजेपी का पक्ष ?
भारतीय जनता पार्टी की हरियाणा यूनिट इस गठबंधन के पक्ष में कतई नहीं है क्योंकि एक तो हरियाणा में बीजेपी को लगता है कि वो अपने दम पर फिर से सरकार बना लेंगे. दूसरा अकाली दल पंजाब में लगातार एसवाइएल का विरोध करता रहा है और बीजेपी की हरियाणा यूनिट हरियाणा के पक्ष में फैसले की बात करते रहे हैं ऐसे में दोनों पार्टियों के बीच वैचारिक मतभेद भी निकलकर सामने आता है. इसलिए बीजेपी के नेता नहीं चाहते कि अकाली दल के साथ यहां गठबंधन किया जाये.