कुरुक्षेत्र:छठ मनाने को लेकर कुरुक्षेत्र प्रशासन ने धार्मिक स्थल पर छठ पर्व के दिन ज्यादा लोगों के द्वारा पूजा करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. पर्व के दिन केवल 100 लोगों को ही पूजा की अनुमति दी गई है. प्रशासन ने पहले दोनों सरोवर पर पूजा को लेकर पूर्णता रोक लगाई थी.
बता दें कि, कुरुक्षेत्र में छठ पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन इस बार छठ पर्व भी कोरोना की भेंट चढ़ने वाला है. छठ पर्व मनाने को लेकर कुरुक्षेत्र प्रशासन द्वारा ब्रह्मसरोवर और सनहित सरोवर पर भीड़ जुटने के अनुमान के तहत ये कदम उठाया है.
पहले प्रशासन ने ब्रह्मसरोवर व सनहित सरोवर पर पूजा करने पर पूर्णता रोक लगा दी थी, लेकिन पूर्वांचल के लोगों का रोष बढ़ता देखकर प्रशासन ने दो संस्थाओं को पचास-पचास लोगों को लेकर पूजा करने की अनुमति दी है. मतलब दोनों सरोवर पर पर्व के दिन कुल 100 ही लोग पूजा कर सकते हैं.
छठ पूजा पर कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर व सनहित सरोवर पर नहीं लगेगी भीड़ ये भी पढ़ें-हर तरह की सुविधाओं से लैस है अंबाला का आदर्श बाड़ा गांव, शहरों को दे रहा टक्कर
बता दें कि, पूर्वांचल खासतौर से बिहार, यूपी के हजारों लोग कुरुक्षेत्र में रहते हैं. केयू, एनआईटी जैसे संस्थानों में भी पूर्वांचल के काफी लोग रहते हैं. पहले हर साल छठ पूजा पर हजारों लोग यहां सरोवर पर जुटते थे. कई बड़े-बड़े आयोजन भी किए जाते थे, लेकिन इस बार प्रशासन ने भीड़ जुटाने पर पाबंदी लगा दी है.
वहीं इस प्रतिबंध को लेकर पूर्वांचल के लोग नाराज दिखे. उनका कहना है कि प्रशासन ने दिवाली पर बाजारों में उमड़ी भीड़ पर तो रोक नहीं लगाई लेकिन छठ पर रोक लगा दी. लोगों का कहना है कि प्रशासन पूजा को लेकर रोक ना लगाए बल्कि प्रबंध करे क्योंकि छठ पर्व के दिन हर किसी को पूजा करनी होती है.
दरअसल, प्रशासन को रिपोर्ट मिली है कि छठ पूजा के लिए 20 नवंबर को 15000 से ज्यादा लोग दोनों सरोवर पर जुट सकते हैं. सरोवर में पूजा के साथ स्नान करने की भी परंपरा है. कोरोना काल में एक साथ हजारों लोगों के स्नान करने से वायरस के फैलने का डर है इसलिए प्रशासन ने ये रोक लगाई है.
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