करनाल:गुरुवार को हरियाणा के करनाल में ग्रामीणों ने टीचर ट्रांसफर पॉलिसी (teacher transfer policy) का विरोध करते हुए राजकीय उच्च विद्यालय इंद्री में ताला लगा दिया. चौगावां गांव के स्कूल में ताला लगाकर ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए अध्यापकों की मांग की. ग्रामीण भरत ने बताया कि गांव में स्थित राजकीय उच्च विद्यालय में काफी समय से टीचरों की पोस्ट खाली पड़ी हुई है.
टीचर न होने की वजह से बच्चों की पढ़ाई पर इसका बुरा असर पड़ रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि काफी समय से स्कूल में अध्यापकों की व्यवस्था न होने से उन्होंने संबंधित विभाग के सामने अध्यापकों की नियुक्ति की मांग रखी (protest in government school of Karnal) थी. लेकिन बावजूद इसके यहां पर अभी तक किसी भी अध्यापक की व्यवस्था नहीं की गई. उन्होंने कहा कि उन्हें मजबूर होकर स्कूल के गेट पर ताला लगाकर रोड को जाम करना पड़ा है.
चौगावां गांव के राजकीय उच्च विद्यालय इंद्री में विरोध प्रदर्शन स्कूल गेट में ताला लगने की सूचना बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. राममूर्ति और स्कूल के प्रिंसिपल वीर सिंह राणा गढ़ी बीरबल को मिली तो वह मौके पर पहुंच गए. वहीं आक्रोशित ग्रामीणों ने रोड जाम करने की कोशिश की तो मौके पर पहुंची पुलिस ने ग्रामीणों को काफी समझाने का प्रयास (villagers protest in karnal) किया.
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ग्रामीणों की मांग पर बीईओ इंद्री राममूर्ति ने स्कूल में तीन अध्यापकों की अस्थाई तौर पर नियुक्ति करने की बात कही. जिससे ग्रामीण सहमति जताते हुए ग्रामीणों ने जाम खोल दिया. इसके बाद ग्रामीणों ने स्कूल का ताला भी खोल दिया. वहीं दूसरी ओर तीन घंटे तक लगे जाम से यातायात काफी ज्यादा प्रभावित हुआ.
टीचर ट्रांसफर पॉलिसी का विरोध स्कूल के मुख्याध्यापक मोहनलाल ने बताया कि ट्रांसफर प्रक्रिया के बाद उनके स्कूल में लगभग 5 अध्यापकों की पोस्ट खाली हो गई थी, जिसके बाद से केवल उनकी हेड मास्टर के रूप में उनकी नियुक्ति हुई थी. स्कूल में केवल एक गेस्ट टीचर है जो मैथ विषय को पढ़ाते हैं. सभी कक्षाओं को केवल दो अध्यापक ही पढ़ा पा रहे हैं. बाकी के खाली पड़े पदों के अध्यापक ना होने के कारण संबंधित विषय प्रभावित हो रहे थे.
उन्होंने बताया कि गुरुवार सुबह अध्यापकों के तबादले (protest to teacher transfer policy) को लेकर ग्रामीणों ने विरोध किया. इसके साथ ही विरोध प्रदर्शन करते हुए उनके पास ग्रामीण और बच्चे पहुंचे और उन्होंने यहां पर अध्यापकों की व्यवस्था करने की मांग रखी. उनके काफी समझाने के बाद जब वह नहीं समझे तो उन्होंने गेट का ताला लगा दिया और उन्हें स्कूल के अंदर ही बंद कर दिया.
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