करनाल: हिंदू धर्म में पूर्णिमा का बहुत अधिक महत्व होता है. भाद्रपद मास की पूर्णिमा से ही श्राद्ध पक्ष (Shradh paksh 2022 dates) भी शुरू हो जाता है. इस बार अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक श्राद्ध पक्ष शनिवार, 10 सितंबर से शुरू होगा और 25 सितंबर को इसका समापन होगा. ज्योतिषियों के मानें तो इस बार श्राद्ध पक्ष 15 की जगह 16 दिन का होगा. ऐसा संयोग 11 साल बाद बन रहा है. भाद्रपद की पूर्णिमा तिथि पर भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है. पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.
भाद्रपद की पूर्णिमा का महत्व-भाद्रपद पूर्णिमा कई मायनों में खास मानी जाती है. पूरा देश गणेशोत्सव के समापन उत्साह से भर जाता है. दूसरी तरफ लोग अपने पितरों को याद करते हुए इसी तिथि से श्राद्ध पक्ष की शुरुआत करते हैं. भाद्रपद की पूर्णिमा पर भगवान सत्यनारायण की पूजा करने का भी विधान है. ऐसा माना जाता है कि भगवान सत्यनारायण की पूजा करने से उपासक के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और घर सुख, समृद्धि और धन से भरा रहता है. भक्त अपने जीवन में पद और प्रतिष्ठा प्राप्त करता है.
भाद्रपद पूर्णिमा की तिथि व मुहूर्त- हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 9 सितंबर शुक्रवार को शाम 6:07 बजे से प्रारंभ होगी. भाद्रपद पूर्णिमा तिथि 10 सितंबर, शनिवार को 3:28 बजे समाप्त होगी. इसलिए इस वर्ष 10 सितंबर को भाद्रपद पूर्णिमा मनाई जाएगी. इसी दिन से श्राद्ध कार्य भी शुरू हो जाएगा. लोग अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और श्राद्ध करेंगे.
भाद्रपद पूर्णिमा पर पूजा की विधि- इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें. पवित्र नदियों में स्नान करने का बहुत अधिक महत्व होता है. आप नहाने के पानी में गंगा जल डालकर स्नान भी कर सकते हैं. नहाते समय सभी पावन नदियों का ध्यान कर लें. नहाने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें. अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें. देवी देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें.