करनाल:जिले के कुताना गांव के बुजुर्ग और विधवाएं बुधवार को करनाल के लघु सचिवालय में पहुंची. जिसमें से कुछ तो ऐसे हैं जो ठीक से चल भी नहीं सकते थे और कुछ ऐसी बुजुर्ग माताएं थीं, जो लाठी डंडों के सहारे ही थीं. ईटीवी भारत की टीम ने जब उन सभी की पीड़ा जानी तो कई बातें निकलकर सामने आई कि पिछले तीन महीनों से उन्हें बुढ़ापा पेंशन ही नहीं मिल रहा है.
बुढ़ापा पेंशन बुजुर्गों के लिए बनी मुसीबत, पेंशन बांटने वाली एजेंसी काट रही है 50 रुपए - पेंशन
कुताना गांव के बुर्जुर्गों के लिए बुढ़ापा पेंशन परेशानियों का सबब बनी हुई है. जब ईटीवी भारत की टीम ने बुजुर्गों का हाल जाना तो सुनिए उन्होंने क्या कहा.
बुजुर्गों को करना पड़ रहा परेशानी का सामना
बुजुर्गों ने कहा कि पहले गांव में पेंशन मिलती थी, लेकिन अब तीन महीने बाद पेंशन लेने के लिए 35 किलोमीटर दूर 100 रुपये भाड़ा खर्च कर करनाल आना पड़ा है. अब पेंशन मिली 1 महीने की 2000 रुपये तो, उसमें भी 200 रुपये की चिल्लर हैं और 50 रुपए भी काट लिए गए हैं. जिसकी कोई भी रसीद नहीं दी गई है.
प्राइवेट एजेंसी बांट रही पेंशन
बुजुर्गों ने बताया कि हम एक तो बूढ़े और दूसरे अनपढ़, पता नहीं ये लोग किस चीज के 50 रुपए काट रहे हैं. ईटीवी की टीम ने जब कुताना गांव के सरपंच बलवान सिंह से बातचीत की, तो उन्होंने बताया कि पेंशन प्राइवेट एजेंसी बांट रही है, मेरे संज्ञान में अभी ये मामला सामने आया है और इस पर कार्रवाई की जाएगी.