करनाल:मुर्रा भैंस को (Murrah Buffalo Haryana) जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से बचाने के लिए राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (National Dairy Research Institute Karnal) में महत्वाकांक्षी अनुसंधान परियोजना पर काम किया जा है. वर्ष 2020 से संस्थान में डेवलेपमेंट ऑफ क्लाइमेट सर्विसेज फॉर मुर्रा बफेलो फार्मर्स ऑफ हरियाणा नाम से ये रिसर्च प्रोजेक्ट चल रहा है. इसके तहत संस्थान ने अपने शताब्दी वर्ष समारोह के आगाज के साथ ही ‘एनडीआरआई जलवायु सेवाएं’ नाम से विशेष एप लॉन्च किया है जो मुर्रा भैंस को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से बचाने के लिए दो तरह की जानकारी देगा. बता दें कि रिसर्च प्रोजेक्ट पर दो वर्ष और काम किया जाएगा.
अनुसंधान के तहत पहले वर्ष मुर्रा भैंस पर जलवायु परिवर्तन (climate change karnal) के प्रभावों का आकलन किया गया. इस रिसर्च में भैंसों पर गर्मी व सर्दी में असर पाया गया. दूध उत्पादन पर फर्क पड़ता भी नजर आया, क्योंकि वातावरण के कारण पशु को तनाव होता है. दूसरे वर्ष में इस तनाव को कम करने के लिए और किसानों को कैसे नियमित रूप से सलाह दी जाए, इसको लेकर एप विकसित किया गयी है. यह एंड्रायड मोबाइल पर आधारित एप है. इस एप के माध्यम से संस्थान के विशेषज्ञों की टीम मुर्रा पालकों से जुड़ेगी.
संस्थान के निदेशक डॉ. मनमोहन सिंह चौहान ने बताया कि एप में दो तरह की जानकारी है. एक के तहत आहार प्रबंधन, स्वास्थ्य प्रबंधन, तनाव प्रबंधन, चारा प्रबंधन, मैनेजमेंट एंड प्रेक्टीसिज व मुर्रा भैंस की विशेषताओं की जानकारी को सम्मिलित किया गया है. दूसरा तापमान व आर्द्रता सूचकांक आधारित सलाहकार सेवाएं भी एप में शामिल की हैं. हर सप्ताह मंगलवार व बुधवार को पशुपालकों को तापमान संबंधी जानकारी दी जाती है.