करनाल: लिंग अनुपात में करनाल दूसरे स्थान से लुढ़क कर 20वें स्थान पर आ गया है. वहीं सातवें स्थान से छलांग लगाकर पंचकूला पहले पायदान पर पहुंच गया है.
लिंगानुपात में 20वें स्थान पर पहुंचा करनाल
बता दें कि 2018 में करनाल का लिंगानुपात 934 था जो पहले स्थान से 1 अंक पीछे रह गया था. वहीं पंचकूला 922 लिंग अनुपात के साथ सातवें स्थान पर था. अब 2019 में पंचकूला 963 लिंगानुपात के साथ पहले स्थान पर है. तो वहीं करनाल 1 साल में 26 अंक घटकर 908 लिंग अनुपात पर रह गया है.
लिंगानुपात में करनाल दूसरे स्थान से लुढ़क कर 20वें स्थान पर पहुंचा चिंताजनक स्थिति
2019 में करनाल की स्थिति काफी चिंताजनक है. वहीं पूरे प्रदेश की बात करें 2014 से 2019 तक 52 अंकों की वृद्धि हुई है. 2014 में प्रदेश में 1000 लड़कों के पीछे 871 लड़कियां थी जो अब बढ़कर 2019 में 923 लड़कियां हो गई हैं.
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार करनाल जिले में 2013 से अभी तक पीएनडीटी एक्ट के तहत 24 मामले दर्ज हो चुके हैं. तो वहीं एमटीपी एक्ट के तहत सारा मामले दर्ज हो चुके हैं.
करनाल का पिछले 10 साल का लिंग अनुपात
2010 में 834, 2011 में 849, 2012 में 847, 2013 में 880, 2014 में 886, 2015 में 892, 2016 में 909, 2017 में 922, 2018 में 934 और 2019 में 908
डिप्टी सीएमओ डॉ. रविंद्र कुमार ने बताया कि इस बार करनाल जिले का लिंग अनुपात 908 है जो चिंता का विषय है. विभाग की ओर से पूरा प्रयास भ्रूण हत्या को रोकने के लिए किया जा रहा है. सूचना मिलने पर रेड मारी जाती है. फिलहाल पीएनडीटी और एमटीपी एक्ट के तहत 41 मामले दर्ज किए जा चुके हैं.
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