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करनाल: प्राइवेट अस्पताल को टक्कर देगा सरकारी अस्पताल

अस्पताल के एंट्री गेट पर सभी वार्डों की लोकेशन दी गई है. कूड़े के निपटारे के लिए डस्टबिन लगाए गए हैं. मरीजों के बैठने की सुविधा, वार्ड का रास्ता बताने के लिए लोकेशन बोर्ड, पीने के पानी की व्यवस्था की गई है.

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Published : May 13, 2019, 6:36 PM IST

करनाल:प्राइवेट अस्पतालों को मात देने के लिए नागरिक अस्पताल में मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं में इजाफा किया गया है. मरीजों की प्राइवेसी के लिए हर बेड पर पर्दे लगाए गए हैं. इसके साथ और भी कई बदलाव किए जा रहे हैं, ताकी मरीजों को बेहतर इलाज मिल सके.

करनाल: नागरिक अस्पताल में बढ़ाई गई सुविधाएं, प्राइवेट अस्पताल को देगा टक्कर

अस्पताल में हो रहा है बदलाव
अस्पताल प्रबंधन की तरफ से स्टाफ के सभी सदस्यों का फिटनेस मेडिकल करवाया जा रहा है. मकसद है कि मरीजों को बेहतर इलाज मिले और प्राइवेट अस्पतालों में महंगे इलाज के लिए मजबूर ना होना पड़े. अधिकारियों की तरफ से मरीजों के साथ सादगी से पेश आने के लिए स्टाफ के सभी सदस्यों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. वहीं अस्पताल के एंट्री गेट पर सभी वार्डों की लोकेशन दी गई है. कूड़े के निपटारे के लिए डस्टबिन लगाए गए हैं. मरीजों के बैठने की सुविधा, वार्ड का रास्ता बताने के लिए लोकेशन बोर्ड, पीने के पानी की व्यवस्था की गई है. सीरियस केस के लिए अस्पताल में लाल पट्टी बनाई गई है, जिससे मरीज बिना किसी रोक-टोक के सीधे डॉक्टर के पास जा सकेगा और तत्काल इलाज मुहैया कराया जा सके. इसके अलावा पीली और हरी पट्टी बनाई गई है, जो मरीज कम सीरियस हैं उनका स्ट्रेचर इन पट्टीयों से होकर जाएगा.

सुविधाओं में इजाफा
डॉ. पियूष शर्मा ने बताया कि नागरिक अस्पताल में मरीजों की सुविधा के लिए अस्पताल की गुणवत्ता को बढ़ाया जा रहा है, ये सारा काम नेशनल क्वालिटी इंश्योरेंस स्टैंडर्ड के अन्तर्गत हो रहा है.

नागरिक अस्पताल में बढ़ाई गई सुविधाएं, प्राइवेट अस्पताल को देगा टक्कर

नेशनल क्वालिटीइंश्योरेंसस्टैंडर्ड में आने की जुगत
दरअसल नेशनल क्वालिटी इंश्योरेंस स्टैंडर्ड में अव्वल अंक लेकर अस्पताल प्रबंधन 5 लाख का इनाम जीतने की तैयारी में जुट गया है. इस राशि को अस्पताल की सुविधाओं पर ही खर्च करना होता है.

जानकारी के मुताबिक नेशनल क्वालिटी इंश्योरेंस स्टैंडर्ड की टीम एक बार अस्पताल का दौरा कर चुकी है और दूसरी बार फिर से टीम कभी भी दौरा कर सकती है, इसलिए अस्पताल प्रबंधन की तरफ से ट्रॉमा सेंटर के जनरल वार्डों और लेबर रूम में प्राइवेसी बनाई गई है.

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