करनालःजिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना फेल होती दिखाई दे रही है. जिले के करीब 5000 किसानों को प्रधानमंत्री बीमा योजना के तहत 2018 में बर्बाद हुए खरीफ की फसलों का मुआवजा अभी तक नहीं मिला है.
फसल की बर्बादी का नुकसान झेल रहे किसान बैंक और बीमा कंपनियों के बीच फंस गए हैं और दावों के निपटान के लिए जिम्मेदार एजेंसियों की ओर से की जा रही देरी को लेकर किसानों में आक्रोश है.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के दावों का भुगतान नहीं कर रही बीमा कंपनी, किसान परेशान बैंक और बीमा कंपनी के बीच फंसे किसान
दरअसल बैंकों की ओर से की गई लिपिक गलतियों के चलते बीमा कंपनियों ने लभगभ 4395 किसानों के दावों को खारिज कर दिया है. वहीं बैंकों का कहना है कि कंपनी किसानों को फसल के नुकसान का पैसा चुकाएगी, क्योंकि इसके द्वारा प्रीमियम काटा गया था.
वहीं बीमा कंपनी का कहना है कि गलती बैंक ने की है, इसलिए वो गलत हैं, लिहाजा किसानों की नुकसान की भरपाई बैंक करें. बीमा कंपनी ने 2018 खरीफ सीजन में प्रीमियम के रूप में 1513.7 लाख रुपये इकट्ठा किया था.
कार्रवाई की मांग कर रहे किसान
बीमा योजना के लिए प्रीमियम काटते वक्त बैंकों ने जो गलती की, इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है. जिससे किसान नाराज हैं और राज्य और केंद्र सरकार से बकाएदारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
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बैंकों की गलती का खामियाजा भुगत रहे किसान
आंकड़ों के मुताबिक ज्यादा बारिश के चलते फसल के नुकसान का सामना करने के बाद 15474 किसानों ने दावों के लिए कृषि विभाग से संपर्क किया था. जिनमें से 3474 किसानों के आवेदन खारिज कर दिए गए थे, क्योंकि उन्होंने नुकसान के 48 घंटे बाद दावों के लिए आवेदन दायर किया था.
बाकी 12000 आवेदक वास्तविक पाए गए, जिनमें से लगभग 5000 किसान 2018 से अपने मुआवजे का इंतजार कर रहे हैं. इनमें से 4395 किसान ऐसे हैं, पीएमएफबीवाई (प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना) पोर्टल पर जिनका विवरण उनके बैंकों ने सही ढंग से दर्ज नहीं किया था.
केंद्र सरकार का दरवाजा खटखटा रही राज्य सरकार
वहीं मामले में करनाल के उप कृषि निदेशक आदित्य डबास ने भी स्वीकार किया है कि लगभग 5000 किसानों की फसल बीमा दावों का निपटान किया जाना बाकी है. उन्होंने कहा हाल ही में हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने केंद्र सरकार के वित्त विभाग पीएमएफबीवाई (प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के निदेशक को मुआवजा सुनिश्चित करने के लिए पत्र लिखा है.
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