हरियाणा

haryana

ETV Bharat / city

पशुओं को मुंह-खुर और गलघोंटू बीमारी से बचाएं, इस तरह लगवाएं वैक्सीन - गलघोंटू बीमारी लक्षण

करनाल में पशुओं को मुंह-खुर और गलघोंटू की बीमारी से बचाने के लिए पशुपालन विभाग द्वारा वैक्सीन लगाई जा रही है. इन गंभीर बीमारियों और इनकी वैक्सीन को लेकर ईटीवी भारत ने करनाल पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. धर्मेंद्र से बातचीत की, और इन बीमारियों व वैक्सीन के बारे में पूरी जानकारी ली.

Foot And Mouth Disease vaccine
Foot And Mouth Disease vaccine

By

Published : Jan 18, 2021, 6:44 PM IST

करनाल:पशुओं में मुंह-खुर और गलघोंटू दो ऐसी खतरनाक बीमारी हैं जो एक बार अगर किसी पशु को हो जाए तो इतनी तेजी से फैलती है कि एक दिन में सैकड़ों पशुओं को संक्रमित कर देती है, और देखते ही देखते पशुओं की मौत होने लगती है. इसलिए पिछले काफी समय से भारत सरकार इन बीमारियों की रोकथाम के लिए लगातार काम कर रही है ताकि इन दोनों बीमारियों से पशुओं को बचाया जा सके.

ईटीवी भारत ने इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए करनाल पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. धर्मेंद्र से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने इस बीमारी के लक्षण, ये पशुओं में कैसे फैलती है और साथ ही बीमारी से बचाव के लिए पशुओं को लगाई जा रही वैक्सीन के बारे में जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि जिले में पशुओं में मुंह-खुर और गलघोंटू बीमारी के बचाव के लिए टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. जिसमें जिले में कुल 3,50,000 योग्य पशुओं को पशुपालन एवं डेयरी विभाग के कर्मचारी द्वारा घर-घर जाकर टीकाकरण किया जा रहा है. इसके अतिरिक्त ये वैक्सीन जिले में स्थित सभी गौशालाओं व नंदी शालाओं में योग्य पशुओं को लगाई जा रही है.

पशुओं को मुंह-खुर और गलघोंटू बीमारी से बचाएं, इस तरह लगवाएं वैक्सीन

ये हैं मुंह-खुर बीमारी के लक्षण-

  • पशुओं के पैर का फटना
  • पशु के खुर के आसपास सूजन होना
  • पशुओं द्वारा लंगड़ाकर चलना
  • पशुओं के खुर में घाव व कीड़े पड़ना

ये हैं गलघोंटू बीमारी के लक्षण-

  • इस बीमारी में पशु की जीभ ऊपर से छिल जाती है
  • पशु के गले में सूजन आ जाती है
  • पशु चारा नहीं खा पाता और पानी नहीं पी पाता है

डॉ. धर्मेंद्र ने बताया कि जिले में विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों की कुल 49 टीमों की ड्यूटी लगाई गई है जो कि कोविड-19 के कारण सामाजिक दूरी का पालन करते हुए पशुपालक के घर द्वार तक जाकर उनके सभी पशुओं के ये वैक्सीन लगा रही है. ये टीका पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा बिल्कुल निशुल्क लगाया जाता है.

इन पशुओं को लगाई जा रही ये वैक्सीन

जो भैंस और गाय का बच्चा 4 महीने से ऊपर है, उसको ये वैक्सीन लगाई जाती है, और जो गाय और भैंस 6 महीने से कम समय की गर्भवती है उसको ये वैक्सीन लगाई जाती है. इस वैक्सीन का एक इंजेक्शन लगाया जाता है जो दोनों रोगों पर काम करता है.

ये भी पढ़ें-एरोपोनिक तकनीक से अब हवा में होगी आलू की खेती, 12 गुना ज्यादा कर सकेंगे पैदावार

इस वैक्सीन से 28 प्रकार के बैक्टीरिया पर काम किया जाता है मतलब ये इन दो रोगों पर तो काम करते ही हैं इनके अलावा लगभग 26 प्रकार के बैक्टीरिया पर भी काम करती है. इसलिए पशुपालकों को आगे आकर अपने पशुओं को ये टीका लगवाना चाहिए.

टीके के बाद पशु को लगाया जाता है एक टैग

विभाग द्वारा पशुओं को टैग भी लगाए जा रहे हैं. टैग लगाने के लिए पशुपालक का आधार कार्ड नंबर और फोन नंबर लिया जाता है, और पूरा ब्योरा भरा जाता है. जिन-जिन पशुओं को टैक लगाए जाएंगे उन सभी पशुओं को ही सरकारी योजनाओं का लाभ मिल पाएगा.

सभी पशुपालक अपने पशुओं को इन गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए ये वैक्सीन जरूर लगवाएं और साथ ही सरकार द्वारा पशुपालकों के लिए चलाई जा रही सरकारी योजनाओं का भी लाभ लें और अपने बेशकीमती पशुओं को गंभीर बीमारियों से बचाएं.

ये भी पढ़ें-हरियाणा सरकार के ई-संजीवनी ओपीडी पोर्टल से घर बैठे लें डॉक्टर की सलाह

ABOUT THE AUTHOR

...view details