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Published : Apr 2, 2022, 8:06 PM IST

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कैसे बढ़ेगा हरियाणा में जैविक खेती का दायरा ? किसानों ने सरकार को दिए ये सुझाव

मौजूदा वक्त में हरियाणा में 4903 हेक्टेयर भूमि पर जैविक खेती (ORGANIC FARMING IN HARYANA) की जा रही है. जो बहुत ही कम है. ऐसे में जैविक खेती के क्षेत्रफल को बढ़ाने के लिए किसान सरकार से मांग कर रहे हैं.

organic farming in Haryana
कैसे बढ़ेगा हरियाणा में जैविक खेती का दायरा

करनाल:आज से कई दशकों पहले हरियाणा सहित पूरे भारत में जैविक खेती या प्राकृतिक खेती की जाती थी, लेकिन जैसे-जैसे देश उन्नति के रास्ते पर चलता गया वैसे-वैसे खेती के भी आयाम बदलते गए. ज्यादा फसल लेने की चाहत में किसान रसायन का इस्तेमाल करने लगे. जिससे हमारी मिट्टी के साथ-साथ इंसानों का भी स्वास्थ्य खराब होने लगा, लेकिन अब फिर से हरियाणा सरकार जैविक खेती को बढ़ावा देने की बात कर रही है. एक बयान में केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि जैविक खेती करने के मामले में हरियाणा काफी पीछे है. यहां पर सिर्फ 4903 हेक्टेयर भूमि पर जैविक खेती की जा रही है, जो बहुत कम है

जैविक खेती करने वाले किसानों का धीरे-धीरे बढ़ता है उत्पाद- ईटीवी भारत ने प्रदेश में जैविक खेती कर रहे किसानों से बात की और उनसे उनकी परेशानियों को जानने की कोशिश की. कुरुक्षेत्र में पिछले 20 वर्षों से जैविक खेती करने वाले किसान रणधीर सिंह ने 16 बार लिम्का बुक में अपना नाम दर्ज कराया है. वहीं, उन्हें जैविक खेती के लिए राज्य व केंद्रीय स्तर पर कई अवॉर्ड भी मिल चुके हैं. रणधीर सिंह का कहना है कि प्रदेश के किसानों को जैविक खेती जरूर करनी चाहिए. कुछ सालों के इंतजार के बाद उनका उत्पादन भी बढ़ जाएगा. उन्होंने बताया कि करीब 70 से 80 प्रकार के सब्जियां अनाज और फल बिना किसी रसायन के उन्होंने उगाया है.

कैसे बढ़ेगा हरियाणा में जैविक खेती का दायरा ? किसानों ने सरकार को दिए ये सुझाव

किसानों को जागरूक करने की जरूरत- हरियाणा के जैविक खेती में पीछे रहने की वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि इसके मुख्य कारण यह है कि किसानों को जैविक उत्पादों के अच्छे दाम नहीं मिलते. जिसके चलते किसान इस तरफ कम जा रहे हैं. अगर, उन्हें जैविक उत्पाद के अच्छे दाम मिले तो किसान इसकी तरफ जरूर बढ़ेंगे. उन्होंने कहा कि जैविक खेती कर रहे किसानों से सरकार जब बात करती है तब उनके चुनिंदा किसान ही होते हैं, जिनके पास इतना अच्छा अनुभव नहीं होता. अगर वह सच में धरातल पर काम करने वाले जैविक खेती करने वाले किसानों से परामर्श करें तो सच में हरियाणा में भी एक बड़ा बदलाव हो सकता है.


जैविक उत्पादों के रेट निर्धारित करे सरकार- किसान धर्मवीर का कहना है कि उन्होंने कई साल जैविक खेती की, लेकिन उनको अच्छा भाव नहीं मिला. जिसके चलते उन्होंने यह खेती करनी छोड़ दी. सरकार को चाहिए कि उनकी स्पेशल मंडी लगाकर इनका रेट निर्धारित करे जिससे जैविक खेती की ओर किसानों का रूझान बढ़े. उन्होंने कहा कि सरकार जैविक खेती के लिए जो योजनाएं लागू करती है उनका फायदा किसानों को नहीं मिल पाता है. या जागरूकता के आभाव में वे इन योजनाओं को लाभ नहीं ले पाते हैं.

ऑर्गेनिक खेती से तैयार सब्जिया.

राज्य में बनाए जाएंगे 100 कलस्टर्स-हरियाणा के मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किसानों के बीच जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए 3 साल का प्रोत्साहन कार्यक्रम शुरू किया है. इसके लिए उन्होंने कहा कि राज्य में 100 कलस्टर्स भी तैयार किये जायेंगे और हर कलस्टर में कम से कम 25 एकड़ भूमि पर यह प्रयोग शुरू किया जाएगा. यही नहीं इन कार्यकर्मों के तहत किसानों को ब्रांडिंग, पैकेजिंग और पहले 3 वर्षों में उत्पादन के नुकसान पर मुआवजे के लिए आर्थिक सहायता भी दी जाएगी.

खेत में लहलहाती गेहूं की फसल.

अलग से बनेगा जैविक खेती का बजट- कृषि मंत्री जेपी दलाल का कहना है कि सरकार राज्य के हर गांव में किसानों को प्राकृतिक खेती (Natural Farming in Haryana) से जोड़ने के उद्देश्य से काम कर रही है. प्राकृतिक कृषि विभाग (Organic Agriculture Department) बनाने की योजना पर काम शुरू कर दिया गया है. बजट सत्र के दौरान सरकार प्राकृतिक खेती के लिए अलग से कोष जुटाने का प्रयास (Separate budget for organic farming will be made) करेगी. सरकार ने इसके लिए बजट में ₹32 करोड़ का प्रावधान रखा है.

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