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Karnal Kisan Mahapanchayat: लट्ठ में झंडा लगाकर पहुंचे असामाजिक तत्व ! प्रशासन ने दी सख्त चेतावनी - mahapanchayat in karnal

करनाल में किसानों और प्रशासन के बीच टकराव बना हुआ है. इस बीच एक और खबर ने सबकी टेंशन बढ़ा दी है. प्रशासन का दावा है कि महापंचायत में कुछ असामाजिक तत्व घुस आए हैं.

महापंचायत में अराजक तत्व
महापंचायत में अराजक तत्व

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Published : Sep 7, 2021, 2:21 PM IST

Updated : Sep 7, 2021, 2:26 PM IST

करनाल: किसानों के ऐलाने जंग के बाद करनाल में तनाव है. प्रशासन ने भी सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुख्ता इंतजाम के साथ मैदान में डटा है. लेकिन इस बार किसानों की महापंचायत (Karnal Kisan Mahapanchayat) में कुछ तस्वीर बदली हुई दिख रही है. प्रशासन की मानें तो महापंचायत काफी लोग झंडे में लट्ठ लगाकर पहुंचे हैं. यही नहीं प्रशासन का कहना है कि महापंचायत में अराजक तत्व (Anti-social elements in Mahapanchayat) भी शामिल हैं.

करनाल प्रशासन ने इस मामले में एडवायजरी जारी की है. प्रशासन के मुताबिक करनाल में किसान महापंचायत के संदर्भ में, आज 07 सितंबर 2021 को ग्राउंड इंटेलीजेंस रिपोर्टों से संकेत मिला है कि लाठी, जेली, लोहे की रॉड आदि से लैस कुछ तत्व रंभा से, कुछ निसिंग से और कुछ अन्य स्थानों से अनाज मंडी पहुंचे हैं. उनकी ओर से अच्छे इरादे नहीं दिखते हैं. पुलिस और प्रशासन ने उन किसान नेताओं से बात की है जिन्होंने ऐसे तत्वों को कार्यक्रम स्थल छोड़ने के लिए मनाने की कोशिश की लेकिन वे अपने नेताओं की एक नहीं सुन रहे हैं. करनाल जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा ऐसे शरारती तत्वों को कानून हाथ में न लेने और सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने की चेतावनी दी जा रही है. ऐसे सभी तत्वों से कानून के अनुसार सख्ती से निपटा जाएगा.

करनाल महापंचायत में बैठे किसान

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इस मामले में गृहमंत्री अनिन विज ने सख्ती दिखाते हुए कहा है कि प्रशासन किसी भी अव्यवस्था से निपटने के लिए तैयार है. किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेने दिया जायेगा. अनिल विज ने किसानों से भी अपील की है कि वो अपना प्रदर्शन शांतिपूर्वक करें.

दरअसल 28 अगस्लात को हुए लाठीचार्ज के विरोध में किसानों ने तीन मांगें सरकार के सामने रखी थी. पहली मांग ये है कि एसडीएम सहित जिन सरकारी अधिकारियों ने लाठीचार्ज किया था उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो. दूसरी मांग ये है कि जिस किसान की मौत हुई है, उसके परिवार को 25 लाख का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए. तीसरी मांग ये है कि पुलिस की लाठीचार्ज से घायल हुए सभी किसानों को दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाए. इन तीनों मांगों को मानने के लिए किसानों ने सरकार को 6 सितंबर तक का अल्टीमेटम दिया था. लेकिन सरकार ने इन मांगों को मांनने से साफ इनकार कर दिया.

करनाल महापंचायत में बैठे किसान

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Last Updated : Sep 7, 2021, 2:26 PM IST

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