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करनाल में फसल खरीद को लेकर मार्केट कमेटी सचिव से उलझे किसान और आढ़ती

करनाल के इन्द्री में स्तिथ अनाज मंडी में किसानों को फसल खरीद और गेट पास संबंधी दिक्कतें आने से किसान व आढ़ती मंडी सचिव से उलझ गए. किसानों का आरोप है कि मंडी प्रशासन बेवजह किसानों को परेशान कर रहा है, इसका चुनावों में सरकार को खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

karnal farmer fight market committee secretary
karnal farmer fight market committee secretary

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Published : Oct 8, 2020, 2:16 PM IST

करनाल:इन्द्री की अनाज मंडी में अव्यवस्थाओं के चलते किसान व आढ़ती परेशान हो रहे हैं. मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर खामियां होने से किसान दुखी हैं और एक बार फिर से सड़कों पर उतरने की धमकी दे रहे हैं. गुरुवार को भी अनाज मंडी में गेट पास कटवाने वाले किसानों की लंबी लाइन लगी रही. आढ़ती भी फसल खरीद व उठान को लेकर परेशान हैं. वहीं गुरुवार को उस समय हंगामा खड़ा हो गया जब गेट पास कटवाने में आ रही दिक्कतों को और मार्केट कमेटी के बाहर लगी लिस्ट को लेकर किसान व आढ़ती एक साथ मार्किट कमेटी कार्यालय में जमा हो गये, और मार्किट कमेटी सचिव से उलझ गए.

दोनों पक्षों में हुई खूब बहस

दोनों पक्षों में काफी देर तक बहस होती रही. किसान गेट पास में आ रही खामियों के बारे में स्थिति को स्पष्ट करना चाह रहे थे, वहीं आढ़ती कार्यालय के बाहर लगी लिस्ट में एक ही नाम की दो-दो आईडी होने की बात पर सचिव को अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कह रहे थे. काफी देर की बहस के बाद सचिव ने उप सचिव को बुलाकर सभी की समस्याओं को लिखित में लेकर उनका समाधान करने का आदेश दिया, तब जाकर हंगामा शांत हुआ.

करनाल में फसल खरीद को लेकर मार्केट कमेटी सचिव से उलझे किसान और आढ़ती

वहीं गेट पास कटवाने के लिये लाइनों में लगे कई गांवों के किसानों का कहना है कि जब हमारे पास फोन पर मैसेज आ गया तो गेट पास कटवाने की क्या जरूरत है. हम लोग सुबह से गेट पास कटवाने के लिये लाइनों में लग जाते हैं और घंटों बाद गेट पास कटने के बाद ही हमारी जीरी बिकती है. किसानों ने सरकार से सवाल किया कि क्या हम लोगों ने खेती करके कोई गलती कर दी है जो ये सरकार किसानों को बर्बाद करने पर तुली हुई है.

'क्या हमनें खेती करके गलती कर दी'- किसान

उन्होंने कहा कि हम लोग धूप में काम करने वाले हैं और सारा दिन खेतों में सांपों के साये में घूमते हैं, तब जाकर फसल तैयार होती हैं, लेकिन इतनी मेहनत से तैयार होने वाली फसल को बेचने के लिए हमें धक्के खाने पड़ते हैं. उनका कहना था कि सरकार नहीं चाहती है कि युवा पीढ़ी खेती को अपनाएं. सरकार तो चाहती है कि युवा बड़े-बड़े उद्योगपतियों की गुलामी करें. इससे तो अच्छा है कि सरकार किसानों को जहर दे दे ताकि एक बार में ही सब कुछ खत्म हो जाए.

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वहीं आढ़तियों का कहना है कि सारी मंडी जीरी की बोरियों से अटी पड़ी है. मंडी में कोई उठान नहीं हो रहा है. किसानों को गेट पास पर बहुत दिक्कतें आ रही हैं. फसल की बिक्री जल्दी ना होने से फसल खराब होनी शुरू हो गई है. हमारी मांग है कि पोर्टल को ठीक किया जाए ताकि जीरी की खरीद सुचारू रूप से हो सके.

इस मामले को लेकर मार्केट कमेटी सचिव हकीकत राय ने कहा कि मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर कुछ खामियां थी जिसे अब दूर कर दिया गया है. अब किसानों को कोई समस्या नहीं आयेगी. कुछ दिनों में और सुधार आने से ये दिक्कतें भी दूर हो जाएंगी. सचिव ने बताया कि मंडी में खरीद सुचारू रूप से हो रही है. कुछ दिन पहले ज्यादा जीरी आने से खरीद में दिक्कत हुई थी, लेकिन अब खरीद सही हो रही है और उठान में भी कोई दिक्कत नहीं है.

बहरहाल कुल मिलाकर बात ये है कि करनाल जिले की मंडियों की व्यवस्था चरमराई हुई है. मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर सही प्रकार से काम ना होने पर या यूं कहिए कि सर्वर डाउन होने की बात सामने आ रही है. जिसके चलते मंडियों में काम की गति बहुत ही धीरे चल रही है और किसानों का धान का उठान सही समय पर नहीं हो रहा है जिसके चलते किसानों में रोष पनप रहा है. वहीं मंडी प्रशासन इन सब व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में जुटा हुआ है, लेकिन कहीं ना कहीं अभी भी बहुत सी परेशानियां पहाड़ की तरह खड़ी हुई हैं.

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