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हरियाणा से जम्मू तक फैला है खालिस्तानी आतंकियों को फर्जी गाड़ी बेचने का खेल, आरोपी ने किए कई खुलासे

करनाल में पकड़े गये खालिस्तानी आतंकियों को लेकर पुलिस लगातार पड़ताल में जुटी है. गिरफ्तार आरोपियों के पास से मिली गाड़ियों के फर्जी आरसी (Fake RC of Karnal terrorists car) ने पुलिस को उलझा दिया है. फर्जी आरसी के तार हरियाणा, दिल्ली, जम्मू और उत्तर प्रदेश तक जुड़े दिख रहे हैं. इस मामले में गिरफ्तार आरोपी नितिन शर्मा को शनिवार को कोर्ट में पेश किया गया.

Fake RC of Karnal terrorists car
Fake RC of Karnal terrorists car

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Published : May 14, 2022, 4:26 PM IST

Updated : May 14, 2022, 10:59 PM IST

करनाल: 5 मई को करनाल के बसताड़ा टोल प्लाजा से पुलिस ने नाकाबंदी करते हुए चार खालिस्तानी आतंकियों को गिरफ्तार किया था. पकड़े गए आतंकियों के पास से भारी मात्रा में गोली, विस्फोटक और आईईडी बरामद हुए थे. पकड़े गये सभी संदिग्ध आतंकी इनोवा गाड़ी में थे. इनोवा गाड़ी की जांच के दौरान पुलिस ने दो और गाड़ी बरामद की थी. इन गाड़ियों की आरसी जांच के दौरान नकली पाई गई. पकड़े गए आतंकियों से पूछताछ के दौरान पुलिस ने पाया कि इन दोनों नकली आरसी को बनाने का आरोपी नितिन शर्मा है.

आरोपी नितिन शर्मा को पुलिस ने आतंकियों के गिरफ्तारी के दो दिन बाद 7 मई को गिरफ्तार कर लिया. जिसे शनिवार को करनाल कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने उसे 3 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है. पुलिस के मुताबिक कोर्ट में पेश किए जाने के समय आरोपी नितिन ने बातचीत में बताया कि वह केवल गाड़ी बेचने का काम करता है. जबकि नकली आरसी मेरठ के रहने वाले पवन कुमार द्वारा बनाई गई है. पवन कुमार मेरठ में नकली आरसी बनाने और चोरी की गाड़ियां बेचने का काम करता है. नितिन कुमार के अनुसार उसने आतंकियों को केवल ब्रेजा गाड़ी बेची है. लेकिन उसका आतंकियों से कोई संबंध नहीं है.

पकड़ा गया आरोपी नितिन शर्मा यमुनानगर कोर्ट का भगोड़ा है. वो जम्मू में जाकर नकली आरसी और चोरी की गाड़ी बेचने का काम करता था. आरोपी नितिन कुमार ने जम्मू के एयरफोर्स कर्मचारी राम नारायण को 7 गाड़ियां दी थी. जिसके आरोप में इसकी गिरफ्तारी भी हुई थी. इस मामले में 1 सप्ताह पहले वो जमानत पर आया है.सुरेंद्र कुमार, जांच अधिकारी

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हरियाणा में आरसी का फर्जीवाड़ा- हरियाणा में आरसी फर्जीवाड़ा का खेल पुराना है. इसका खुलासा एक साल पहले ही हो चुका है. ईटीवी भारत ने इस मामले से संबंधित कई खुलासे किये थे. जिसके तहत ऑक्शन के वाहनों को एजेंट खरीद लेते थे. इसका फर्जी बिल बनाकर उनका रजिस्ट्रेशन करवाते थे. यह लोग लोन डिफॉल्टर गाड़ियों और चोरी की गाड़ियों की फर्जी आरसी बनाते थे. इसमें आरटीओ ऑफिस के कर्मचारियों की भी मिलीभगत होती थी. आरटीओ ऑफिस के रजिस्ट्रेशन के सॉफ्टवेयर में मिलिट्री का ऑप्शन होता है जिसमे एनओसी की जरूरत नहीं पड़ती. इसी का फायदा उठाते हुए इन शातिर लोगों ने इस काम को अंजाम दिया. इसके अलावा आरटीओ के कर्मचारियों की मिलीभगत से वाहनों के चेसिस नंबर को भी सॉफ्टवेयर में बदल दिया जाता था. इन लोगों ने गाड़ियों के दाम को भी सॉफ्टवेयर में कम दिखाया जिससे रजिस्ट्रेशन की दरें कम हो गई और सरकार को राजस्व में घाटा हुआ.

हरियाणा में आरसी फर्जीवाड़े (RC Scam in Haryana) का खुलासा 2021 में सिरसा से हुआ था. और इसकी जांच की आंच यमुनानगर के जगाधरी और बिलासपुर एसडीएम ऑफिस तक पहुंची. दोनों जगह मामला दर्ज हुआ. जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया. जहां बिलासपुर में अमित के खिलाफ और जगाधरी में अमित समेत चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. वहीं एसआईटी ने जांच करते हुए बिलासपुर और जगाधरी के आरटीओ ऑफिस के क्लर्क को गिरफ्तार किया था.

करनाल पुलिस की पड़ताल में फिलहाल अभी तक दो गाड़ियां (स्कॉर्पियो और ब्रेजा) सामने आई हैं. यह दोनों गाड़ियां मेरठ से खरीद कर खरड़ के रहने वाले संदीप नाम के व्यक्ति के माध्यम से पकड़े गए आतंकियों को बेची गई थी. चोरी की दोनों गाड़ियां फिलहाल पंजाब में हैं. मेरठ का रहने वाला पवन इन्हें गाड़ियां बेचता था.

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Last Updated : May 14, 2022, 10:59 PM IST

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