करनाल: मौजूदा समय में बच्चे के जन्म के वक्त नॉर्मल डिलीवरी और ऑपरेशन से डिलीवरी यानि सिजेरियन डिलीवरी को लेकर काफी चर्चा होती है. प्राइवेट हॉस्पिटल में ज्यादातर डिलीवरी ऑपरेशन से ही होती हैं. वहीं लोगों का ये भी आरोप रहता है कि प्राइवेट हॉस्पिटल जानबूझकर और पैसा कमाने के लिए ऑपरेशन से डिलीवरी करते हैं.
वहीं ऑपरेशन के बाद महिला को ताउम्र कई समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है. वहीं इस मामले में सरकारी अस्पताल कहां ठहरते हैं, और सरकारी अस्पताल में नार्मल और ऑपरेशनल डिलीवरी का क्या प्रतिशत ये हम आपको इस रिपोर्ट में बताएंगे.
हम बात कर रहे हैं सीएम सिटी करनाल की. नॉर्मल और ऑपरेशनल डिलीवरी के आंकड़े और कारण जानने के लिए हमने जिले के पीएमओ डॉ. पीयूष शर्मा से बात की. जिन्होंने बताया कि यहां के अस्पताल में करनाल के साथ-साथ पड़ोसी जिलों के लोग भी आते हैं, और यहां के डॉक्टर नॉर्मल डिलीवरी कराने के लिए ज्यादा मेहनत करते हैं. बेहद गंभीर मामले में ही डिलीवरी ऑपरेशन से की जाती है.
करनाल में पिछले 4 महीनों के दौरान सरकारी अस्पताल में हुई डिलीवरी के आंकड़ों पर नजर डालते हैं-
- अक्टूबर के महीने में यहां कुल 748 डिलीवरी हुई जिसमें 548 नॉर्मल और 200 ऑपरेशन के साथ हुई
- नवंबर में कुल 753 डिलीवरी हुई जिसमें 581 नॉर्मल और 172 ऑपरेशन से की गई
- दिसंबर में कुल 783 डिलीवरी हुई जिसमें 571 नॉर्मल और 212 ऑपरेशन के साथ की गई
- वहीं जनवरी में कुल 720 डिलीवरी हुई जिसमें 508 नॉर्मल व 212 ऑपरेशन के साथ हुई
- कुल मिलाकर पिछले 4 महीनों में 2208 नॉर्मल डिलीवरी हुई जबकि 796 ऑपरेशन से