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करनाल में पराली जलाने के 6 मामले आये सामने, किसानों के साथ पटवारी, सचिव और नंबरदार को नोटिस

सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी हरियाणा में एक बार फिर पराली जलाने (Stubble burning problem in Karnal) की खबरें आने लगी हैं. अभी तक केवल करनाल जिले में कुछ 6 मामले सामने आ चुके हैं. सरकार ने इस बार पराली जलाने के लिए ज्यादा सख्ती की है. जिस इलाके में पराली जलाई जायेगी वहां का सचिव, पटवारी और नंबरदार को भी नोटिस दिया जायेगा.

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Published : Oct 4, 2022, 7:59 PM IST

करनाल में पराली जलाने की खबर
करनाल में पराली जलाने की समस्या

करनाल: कृषि विभाग और सरकार के लाख प्रयास और प्रोत्साहन के बाद भी सीएम सिटी करनाल में पराली जलाने (Stubble burning problem in Karnal) के मामले आने शुरू हो चुके हैं. कृषि विभाग की ओर से करनाल में 6 जगहों पर फसल अवशेष जलाने की सूचना भेजी गई थी. इनमें से एक लोकेशन गलत मिली, जबकि गांव रंबा, बड़ा गांव, रंभा और कुंजपुरा में फसल अवशेष कुछ खेतो में जलते मिले. विभाग द्वारा संबंधित किसान पर जुर्माना लगाने के साथ संबंधित पटवारी, सचिव और नंबरदार को जिला प्रशासन की ओर से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.

पराली जलाने पर एनजीटी की रोक- कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने फसल अवशेष जलाने पर सख्त कार्रवाई की बात कही है. दिल्ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए बीते कुछ साल से राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने हरियाणा समेत देशभर में फसल अवशेष जलाने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है. धान कटाई के समय फसल अवशेष जलाने के सबसे अधिक मामले सामने आते हैं. इस कारण शासन की ओर से जिला प्रशासन को फसल अवशेष जलाने से रोकने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के साथ जुर्माना और अन्य दंड का प्रावधान किया गया है. इस बार फसल अवशेष जलाने पर संबंधित पटवारी, सचिव और नंबरदार को सीधे जिम्मेदार ठहराया जाएगा.

एनजीटी ने लगाई है पराली जलाने पर रोक.

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सरकार का पराली प्रबंधन विकल्प- करनाल के कृषि उपनिदेशक आदित्य प्रताप सिंह ने कहा कि जो किसान पराली का प्रबंधन करता है, उसके लिए सरकार की भी योजना है कि एक हजार रुपए किसान को प्रति एकड़ दिया जाएगा. पिछली बार भी ऐसे किसानों को करीब 4 करोड़ 35 लाख रुपए किसानों को दिए गए है थे. आदित्य प्रताप सिंह ने बताया है कि सरकार और कृषि विभाग की कोशिश रहती है कि किसान फसल अवशेष प्रबंधन को अपनाएं, जिसके लिए सरकार की तरफ से कृषि संयंत्र भी उपलब्ध करवाए जाते हैं. यदि उसके बाद भी किसान फसल अवशेषों में आग लगाने से नहीं मानता है तो जुर्माना लगाने की प्रक्रिया की जाती है.

पराली जलाने के लिए पटवारी को भी दिया जायेगा नोटिस.

पराली जलाने से रोकने के लिए जिला लेवल कमेटी- फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर कृषि विभाग द्वारा ग्रामीण स्तर से लेकर जिला लेवल तक कमेटियों का गठन किया गया है. फसल अवशेष प्रबंधन के संदर्भ में एक माइक्रो लेवल प्लान तैयार किया गया है. जिसके लिए ग्रामीण इलाके की कमेटी में ग्राम सचिव, नंबरदार, पटवारी और कृषि विभाग का एक कर्मचारी रहेगा. ब्लॉक लेवल पर बीडीपीओ, नायब तहसीलदार और कृषि अधिकारी, सब डिविजन लेवल पर डीआरओ, डीपीओ व एसडीएम रहेंगे और इन कमेटियों के जरिये सभी पर निगरानी रखी जाएगी.

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पराली जलाने पर कितना जुर्माना- कृषि उपनिदेशक ने बताया कि पराली जलाने को लेकर जुर्माने के तीन प्रावधान हैं. दो एकड़ तक पराली जलाने पर ढाई हजार जुर्माना, दो एकड़ से पांच एकड़ तक पांच हजार रुपये जुर्माने का प्रवधान है. पांच एकड़ से ज्यादा पराली जलता है तो 15 हजार का प्रावधान है. अगर कोई किसान इन घटना को बार बार रिपीट करता है तो उनका सारा डाटा कृषि विभाग के पास है. जिन किसानों ने पिछली बार पराली में आग लगाई थी उनको भी विभग की तरफ से नोटिस दिया गया है.

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