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जींद: अनलॉक के बावजूद अस्पतालों में 16 फीसदी कम ओपीडी

कोरोना वायरस महामारी के कारण ओपीडी में मरीजों की संख्या में गिरावट आई है. पिछले साल की तुलना में जींद में 16 फीसदी मरीज कम हुए हैं.

Number of patients reduced in OPD due to corona virus in jind
Number of patients reduced in OPD due to corona virus in jind

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Published : Aug 18, 2020, 10:36 PM IST

जींद: कोरोना वायरस महामारी ने स्वास्थ्य सेवाओं पर गहरा असर डाला है. कोरोना वायरस के कारण मरीज अस्पतालों में आने से झिझक रहे हैं. जींद के नागरिक अस्पताल में पिछले साल की तुलना में 16 फीसदी ओपीडी मरीजों में गिरावट आई है. साल 2019 में रोजाना करीब 1263 मरीज ओपीडी में इलाज के लिए आते थे. इस साल कोरोना के कारण ओपीडी में मरीजों की संख्या घटकर रोजाना 1050 रह गई है.

ऐसा नहीं है कि ओपीडी में मरीजों की संख्या कम होने की वजह से स्वास्थ्य कर्मचारी और डॉक्टरों का काम कम हो गया. बल्कि इस समय में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों का काम बढ़कर दोगुना हो गया है. क्योंकि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज अस्पताल में आ रहे हैं.जिनकी देखभाल करना सामान्य ओपीडी से कहीं ज्यादा कठिन है.

कोरोना के कारण ओपीडी में कम हुई मरीजों की संख्या, देखें वीडियो

कोरोना के डर के कारण कम हुए मरीज

नागरिक अस्पताल में साल 2019 में हर महीने करीब 35000 मरीज इलाज के लिए आते थे. इस साल कोरोना संक्रमण के बाद संख्या घटकर 21000 रह गई हैं. लोगों में डर है कहीं अस्पताल में जाने की वजह से वो संक्रमित न हो जाए.

पेट से संबंधित मरीज हुए कम

ओपीडी में इस समय पेट से संबंधित रोग के मरीज कम आ रहे हैं. इसका एक बड़ा कारण लोगों ने खुले में फास्ट फूड खाना बंद कर दिया है. कोरोना के कारण लोग कम ही घरों से बाहर निकल रहे हैं. इसी के चलते अस्पताल में पेट से संबंधित रोगियों की भारी संख्या में कमी आई है. फास्ट फूड और खुले में खाना बहुत कम बिक रहा है जिसकी वजह से लोग भी घर का बना हुआ साफ खाना खा रहे हैं. जिस वजह से पेट संबंधी रोग कम हो रहे हैं.

जींद नागरिक अस्पताल के डिप्टी मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. राजेश भोला का कहना है कि आमतौर पर हर साल ओपीडी की संख्या बढ़ती है. लेकिन इस बार पिछले साल की तुलना में ओपीडी कम हुई है. इसका बड़ा कारण है कि जो क्रॉनिकल मरीज हैं वो अस्पताल नहीं आ रहे हैं, जो दवाइयां पहले से चल रही थी उनको लंबे टाइम के लिए दिया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि इंफेक्शन का सबसे बड़ा कारण खुला खाना और फास्ट फूड जो रेहड़ियों पर बिकता है जिस पर मक्खी-मच्छरों की वजह से संक्रमण फैलता है लेकिन लोग इसका सेवन नहीं कर रहे. जिस वजह से हमारे पास पेट के इंफेक्शन से होने वाले मरीज बहुत कम आ रहे हैं.

प्रवासियों के पलायन से संख्या हुई कम

सामाजिक विषयों पर पर एक्टिव रहने वाले एक्टिविस्ट राजकुमार का कहना है कि इस वक्त ज्यादातर प्रवासी मजदूर अपने राज्य में वापस चले गए हैं. नागरिक अस्पताल में ज्यादातर बाहरी राज्यों की लेबर क्लास के मरीज ही इलाज के लिए पहुंचते थे जिनकी संख्या अब बहुत कम हो गई है.

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