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'न हम पाकिस्तानी, न आंतकवादी हैं, फिर क्यों हमें रोका गया'

जींद में लॉकडाउन के दौरान रह रहे प्रवासी मजदूरों का कहना है कि न हम पाकिस्तानी, न आंतकवादी हैं, फिर क्यों हमे यहां रोक रखा है.

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Published : Apr 1, 2020, 11:41 AM IST

जींद: प्रवासी मजदूर पलायन के लिए इतना परेशान है कि अब तो यह कहने लगे हैं कि न हम पाकिस्तानी हैं और न हम आंतकवादी हैं फिर क्यों हमे यहां रोक रखा है. इनका यह भी कहना है कि मोदी जी को चाहिए की जो प्रदेशी हरियाणा के हैं उन्हें हरियाणा में लाये जाये जो यूपी के हैं उन्हें यूपी तक पहुंचाया जाये.

मजदूरों का कहना है कि एक बार हमें अपने घरों तक भिजवा दें फिर चाहे कितने दिन का ही कर्फ्यू लगा दें. हम इतने तंग हैं कि काम हमारे पास है नहीं, रहने को साधन नहीं, खाने को सामान नहीं. बच्चे हमारा इन्तजार कर रहे हैं और हम यहां फंसे बैठे हैं. सरकार क जितना तंग करना है कर ले जब वोट की चोट मारने का मौका मिलेगा तो चूकेंगे नहीं.

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वहीं जींद में हमें कुछ ऐसे प्रवासी मिले जिनका कहना था कि उनके चाचा की मौत हुई है, कल तेरहवी हैं उन्हें जाने नहीं दिया जा रहा. पुलिस उन्हें रोक रही है, वे पैदल भी चले जायेंगे लेकिन उन्हें पैदल भी जाने नहीं दिया जा रहा.

इनका कहना है कि हरियाणा सरकार बसें उपलब्ध नहीं करा सकती तो कम से कम हमें पैदल ही जाने की ही इजाजत दी जाये. कम से कम हमें हमारे यूपी बार्डर तक ही छोड़ने की इजाजत दी जाये. उसके बाद तो हमारे मुख्यमंत्री योगी ने बसों की व्यवस्था की हुई है.

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