जींद: शुगर मिल में अगले 4 महीनों में नई फसल आने वाली है, लेकिन पेराई क्षमता बढ़ाने के लिए दूसरे चरण का काम शुरू नहीं हुआ है. काम शुरू होने में देरी के लिए मिल प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराते हुए किसान लगातार रोष जता रहे हैं. किसानों द्वारा जल्द काम शुरू करने की मांग की जा रही है. गौरतलब है कि इस बार गन्ने का रकबा बढ़ा है, ऐसे में अगर सीजन शुरू होने से पहले पेराई क्षमता नहीं बढ़ी, तो किसानों का लाखों क्विंटल गन्ना शुगर मिल नहीं ले पाएगा.
किसानों को हो सकता है बड़ा नुकसान
गन्ना उत्पादक किसान ऋषिपाल का कहना है कि पिछले कार्यकाल में सीएम मनोहर लाल ने मिल की पेराई क्षमता 16 हजार से बढ़ा कर 22 हजार क्विंटल प्रतिदिन करनी थी. इसका एक चरण का काम पूरा हो चुका है. दूसरे चरण का काम मई में पेराई सीजन खत्म होने के साथ ही शुरू हो जाना चाहिए था ताकि नए सीजन की शुरुआत से पहले काम पूरा हो जाता, लेकिन मिल प्रबंधन अब तक दूसरे चरण के काम के टेंडर भी नहीं लगा पाया है. ऐसे में टेंडर प्रक्रिया में ही काफी समय लग जाएगा और दीपावली से पहले पेराई का नया सीजन शुरू हो जाएगा. मिल की पेराई क्षमता कम होने के कारण किसानों का पूरा गन्ना मिल प्रबंधन नहीं ले पाएगा.
बता दें कि, पिछली बार क्षेत्र में 13,250 एकड़ में गन्ना था. इस बार 15,968 एकड़ में गन्ना है और 2718 एकड़ रकबा बढ़ा है. इससे गन्ने का उत्पादन करीब पांच क्विंटल और बढ़ जाएगा. पिछले सत्र में 2,85,500 क्विंटल गन्ने की पेराई हुई थी और 25 मई तक मिल चलाना पड़ा था. अगर नया सीजन शुरू होने से पहले मिल की क्षमता नहीं बढ़ी, तो मिल किसानों का सारा गन्ना नहीं ले पाएगा.