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जींद: सीआरएसयू भर्ती में धांधली का आरोप लगाने वाला प्रोफेसर सस्पेंड - जींद सीआरएसयू भर्ती घोटाला

जींद की चौधरी रणबीर सिंह यूनिवर्सिटी की भर्ती प्रक्रिया में धांधली का आरोप लगाने वाले प्रो. संदीप बेरवाल को सस्पेंड कर दिया गया है. जिसके बाद वो धरने पर बैठ गए हैं. उनक कहना है कि जब तक वीसी और रजिस्ट्रार को पद मुक्त कर पूरे मामले की जांच नहीं की जाती है. तब तक वे धरने पर बैठे रहेंगे.

Chaudhary Ranbir Singh University recruitment scandal in Jind
सीआरएसयू भर्ती में धांधली का आरोप लगाने वाला प्रोफेसर सस्पेंड

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Published : Oct 11, 2020, 11:28 AM IST

जींद:चौधरी रणबीर सिंह यूनिवर्सिटी (सीआरएसयू) की भर्ती प्रक्रिया में धांधली का आरोप लगाने वाले प्रो. संदीप बेरवाल को सस्पेंड करने के बाद उनका प्रशासनिक और अकादमिक ब्लॉक में प्रवेश पर रोक लगा दिया है. जिसके चलते मंगलवार से उनका प्रशासनिक ब्लॉक के सामने धरना जारी है. सेलेक्शन कमेटी की मीटिग में प्रो. बेरवाल पर जिस अभ्यार्थी की पैरवी करने और उसका चयन नहीं होने पर चयन कमेटी के सदस्यों के साथ दु‌र्व्यवहार करने के आरोप लगाए थे. वो अभ्यार्थी डॉ. योगेश ठाकुर विश्वविद्यालय में पहुंचे. धरने पर बैठे प्रो. संदीप बेरवाल के साथ-साथ वो वीसी और रजिस्ट्रार से भी मिले.

सीआरएसयू भर्ती में धांधली का आरोप लगाने वाला प्रोफेसर सस्पेंड

योगेश ठाकुर ने कहा कि सीआरएसयू में एसोसिएट प्रोफेसर के लिए आवेदन किया था और साक्षात्कार में हिस्सा लिया था. लेकिन रविवार को सेलेक्शन कमेटी की मीटिग में जो हुआ. उससे तो उसका कुछ लेना-देना नहीं था. फिर भी बेवजह उसका सार्वजनिक रूप से वीसी और रजिस्ट्रार द्वारा नाम घसीटा गया. वीसी ने किस आधार पर मामले में उनका नाम लिया. इसके बारे में जानना चाहते हैं. उसे जो मेल मिली है. उसमें 35 अंक लगाए गए हैं. जबकि उसके हिसाब से 41 अंक बनने चाहिए थे. कुछ अंक कम दिए गए. वे किस आधार पर दिए गए. उनका कहना है कि वो इस पूरे मामले में कानूनी सलाह लेंगे और जरूरत पड़ी तो आगामी कार्रवाई करेंगे.

प्रो. संदीप बेरवाल ने कहा कि वो महात्मा गांधी के मार्ग सत्याग्रह पर चल पड़े हैं. जब तक वीसी और रजिस्ट्रार को पद मुक्त कर पूरे मामले की जांच सरकार नहीं करवाती. तब तक वे धरने पर बैठे रहेंगे. उन्हें सस्पेंशन ऑर्डर थमा दिया गया. लेकिन सस्पेंड करने से पहले उसका पक्ष तक नहीं जाना गया. वे कार्यकारी परिषद के सदस्य थे. इसलिए उन्हें कार्यकारी परिषद की मीटिग में बुलाकर उनका पक्ष जानना चाहिए था. उनका कहना है कि उनके साथ साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है मानो वो कोई आतंकी हैं. उनके अकादमिक और प्रशासनिक ब्लॉक में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है.

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