जींद: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गुरुवार को जींद जिले में कार्यरत 110 डीपीई व पीटीआई की सेवाएं समाप्त कर दी और उन्हें सेवाएं खत्म करने का पत्र थमा दिया गया. जिले में कुल 113 पीटीआई लगे थे, जिसमें से 110 को लेटर थमा दिया गया, इसके अलावा 3 कर्मचारी ऐसे थे, जिनमें से दो की मौत हो चुकी है जबकि एक कर्मचारी 30 अप्रैल को ही रिटायर हुआ था.
वहीं जींद जिले के जिस एक कर्मी की मौत हुई थी, उनके बदले उनकी पत्नी को नौकरी मिली थी, लेकिन अब इन सभी को विभाग की तरफ से कोई बेनिफिट नहीं मिलेंगे. इसके लिए भी जिला अधिकारियों ने मुख्यालय को पत्र भेज दिया है. वहीं नौकरी जाने के विरोध में गुरुवार को पीटीआई अध्यापकों ने जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय परिसर में धरना दिया और कहा कि जिस हद तक हमें जाना पड़े हम जाएंगे, लेकिन हम नौकरी बचाने के लिए सरकार को बाध्य कर देंगे.
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बता दें कि, 29 मई को भी पीटीआई को हटाने के विरोध में जिले के शिक्षकों ने डीईईओ कार्यालय में धरना दिया था. ये धरने पूरे हरियाणा में दिए गए थे. इस दौरान अधिकारियों के पास पीटीआई को रिलीव नहीं करने के आदेश आ गए थे और संबंधित पीटीआई, डीपीई की जानकारी मांगी गई थी, लेकिन अब चार दिन बाद इन्हें हटाने के आर्डर जारी कर दिए गए है.
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी दिलजीत सिंह ने बताया कि सभी पीटीआई को रिलीव के आर्डर जारी कर दिए गए हैं. जिले में कुल 113 पीटीआई, डीपीई थे. इनमें से दो की मौत हो चुकी है जबकि एक रिटायर्ड हो चुका है. इन्हें अब कोई बेनिफिट नहीं मिलेगा, इसके लिए मुख्यालय को सूचना भेज दी गई है.
गौरतलब है कि पिछले दिनों डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला जींद में आए थे और इस दौरान प्रदेश भर के पीटीआई उनसे मिलने के लिए जींद पहुंचे थे. तब जजपा कार्यालय के सामने बनें पार्क में डिप्टी सीएम ने पीटीआई से मुलाकात की थी और आश्वासन दिया था, लेकिन अब सरकार द्वारा टर्मिनेशन लेटर थमाने के बाद, पीटीआई शिक्षक इसको वादाखिलाफी बताकर विरोध कर रहे हैं.
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