हिसार: महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए सरकारी योजना के तहत महिला समूहों और अच्छा काम करने वाली महिलाओं को कैश अवॉर्ड देकर सम्मानित किया गया. इसके अलावा पांच स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को ई-रिक्शा समेत कई वाहनों की चाभी भेंट की गई, ताकि वे अपनी आजीविका को बेहतर तरीके से चला सकें. इस कार्यक्रम में स्टेट कैश अवार्ड के तहत सराहनीय कार्य करने वाले तीन महिला स्वयं सहायता समूहों को सम्मानित किया गया.
हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत आत्मनिर्भर हो रही महिलाएं, कई समूहों को किया गया सम्मानित - hisar latest news
हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (Haryana State Rural Livelihood Mission) का असर प्रदेश में दिखने लगा है. इसके तहत महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं और दूसरों को भी प्रोत्साहित कर रही है. इसी के तहत सोमवार को बेहतरीन काम कर रहे कई महिला समूहों को पुरस्कृत किया गया.
सोमवार को पीएनबी ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान गंगवा में हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के कार्यकर्म का आयोजन किया गया. स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं के इस कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए हिसार उपायुक्त प्रियंका सोनी ने ने कहा कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं. इसलिए वे स्वयं सहायता समूह के माध्यम से आजीविका में बढ़ोतरी करके आत्मनिर्भर बन सकती हैं. मिशन द्वारा महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए विभिन्न योजनाएं एवं कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं. उन्होंने जिले के तीन सरहानीय कार्य करने वाले बाला जी महिला स्वयं सहायता समूह राखी गढ़ी को प्रथम पुरस्कार के तहत 1 लाख रुपये, जय भारत महिला स्वयं सहायता समूह मिर्जापुर को द्वितीय पुरस्कार के तहत 50 हजार रुपये और रोशनी महिला स्वयं सहायता समूह टोकस पातन को तृतीय पुरस्कार के तहत 25 हजार रुपये की राशि का चेक भेंट किया गया.
उपायुक्त ने आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना के तहत स्वयं सहायता समूह की पांच महिलाओं को वाहनों की चाभी भेंट की, जिनमें गांव उमरा की राजवंती, गांव लांधडी की सुमन देवी को इक्को टैक्सी, गांव सिंघवा खास की नीलम को बोलेरो मैक्स ट्रेक्सी, गांव ढाणी सीसवाल की सरस्वती देवी को ई-रिक्शा और गांव कागसर की उषा को बजाज ऑटो दी गई. इस योजना के तहत तीन लाख रुपये का ऋण बिना ब्याज पर उपलब्ध करवाया जाता है. उपायुक्त ने कहा कि जिन महिलाओं को वाहन की चाबी भेंट की गई हैं, वे अपना वाहन स्वयं चलाए, ताकि अन्य महिलाओं को भी इससे प्रेरणा मिल सके. उन्होंने पांचों वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.