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हरियाणा: बेसहारा गायों का सहारा बना ये शख्स, अब तक बचा चुका है हजारों गायों की जान - Sitaram Singhal of Hisar helping destitute cows

हिसार के सीताराम सिंघल (Sitaram Singal of Hisar helping destitute cows) पिछले 20 सालों से निस्वार्थ भावना के साथ जिले की सभी बेसहारा गयों की सेवा कर रहे हैं. उनका कहना है कि रोजाना उनकी टीम चार से 5 गायों को रेस्क्यू करती है. पढ़ें पूरी खबर...

Sitaram Singhal of Hisar helping destitute cows
हिसार के सीताराम सिंगल 20 सालों से निस्वार्थ भावना के साथ जिले की सभी बेसहारा गयों की सेवा कर रहे हैं

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Published : May 19, 2022, 12:44 PM IST

Updated : May 19, 2022, 3:29 PM IST

हिसार:धार्मिक मान्यताओं में गाय को माता का दर्जा दिया गया है और इसी मान्यता के अनुसार प्रदेश के बहुत से समाजसेवी बेसहारा गायों का सहारा बनकर सभी के लिए एक मिसाल पेश कर रहे (Sitaram Singal of Hisar helping destitute cows) हैं. हिसार के सीताराम सिंघल भी उन्हीं लोगों में से एक है जो गाय को मां मानकर उनकी निस्वार्थ सेवा करते हैं. बता दें, सीताराम सिंगल पिछले 20 सालों से गायों की सेवा करते आ रहे हैं.

जिला हिसार के सीताराम सिंघल (Sitaram Singal of Hisar helping destitute cows) पिछले 20 सालों से निस्वार्थ भावना के साथ जिले की सभी बेसहारा गयों के सहारा बने हुए हैं. सीताराम सिंघल ने एक गौ सेवा हेल्पलाइन नंबर बनाया है जिसके जरिए लोग उन्हें घायल बीमार और फंसी हुई गायों को बचाने के लिए फोन करते हैं और वह बिना कुछ सोचे समझे दिन हो या रात गाय को बचाने के लिए चल पड़ते हैं. बता दें, सीताराम सिंगल अभी तक हजारों गायों की जान बचा चुके हैं. उनका कहना है कि रोजाना उनकी टीम चार से 5 गायों को रेस्क्यू करती है.

हिसार के सीताराम सिंगल 20 सालों से निस्वार्थ भावना के साथ जिले की सभी बेसहारा गयों की सेवा कर रहे हैं

सीताराम सिंघल ने बताया कि करीब 20 साल पहले उन्होंने एक बीमार गाय को तड़पते हुए देखा था और फिर उन्होंने मन में ठान लिया था कि वह आगे किसी भी गाय को ऐसे तड़पते हुए को मरने नहीं देंगे. उन्होंने एक मिशन शुरू किया जिसके बाद सूचना मिलने पर वह तुरंत घायल गाय, नाले में फंसी गाय या फिर एक्सीडेंट में घायल हुई गाय को रेस्क्यू करने के लिए तुरंत पहुंच जाते. जिसके बाद धीरे-धीरे उनके साथ कई समाजसेवी जुड़ने लगे और फिर उन्होंने बीमार और घायल गायों के लिए एंबुलेंस की शुरुआत की. उन्होंने शहर में अपना एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया (cow helpline number in hisar) है.

हिसार के सीताराम सिंगल 20 सालों से निस्वार्थ भावना के साथ जिले की सभी बेसहारा गयों की सेवा कर रहे हैं

सीताराम सिंघल व उनके साथ कई समाजसेवी लोग जुड़े हुए हैं जो इस काम में उनकी सहायता करते हैं. इसके साथ उन्होंने एक टीम बनाई है जिसमें 3 डॉक्टर व करीब 12 कर्मचारी हैं जो 24 घंटे गौ सेवा के लिए उपलब्ध रहते हैं. जैसे ही कोई सूचना मिलती है आसपास 100 किलोमीटर तक उनकी टीम घायल और बीमार गाय को उनके उमा मनोहर गौ सेवा अस्पताल जो कि दिल्ली चंडीगढ़ हाईवे पर स्थित वहां लेकर जाते हैं और उसका इलाज करते हैं. इलाज के बाद जब वह गाय पूरी तरह से ठीक हो जाती है तो फिर उसे गौशाला में छोड़ दिया जाता है.

सीताराम सिंघल ने बताया कि उनके पास धीरे-धीरे दूसरे जिले और राज्य से भी फोन आने लगे तो उन्होंने इसे पूरे भारत में फैलाना जरूरी समझा. उनका उद्देश्य है कि उनका यह हेल्पलाइन पूरे राज्य के साथ-साथ देश में चलता रहे इसके लिए उन्होंने अपना एक नेटवर्क सिस्टम बनाया है. यह नेटवर्क अभी तक पूरे भारत में 75% तक फैला है और अगले 6 महीने में 100% पूरे भारत को कवर करेगा. उन्होंने पूरे भारत में अलग-अलग शहरों में टीम से संपर्क किया है. अगर पूरे भारत से कोई भी उन्हें बीमार गाय के लिए सहायता के लिए फोन करता है तो वह वहां की नजदीकी टीम से बातचीत करके उसे सहायता के लिए भेजते हैं.

हिसार के सीताराम सिंगल 20 सालों से निस्वार्थ भावना के साथ जिले की सभी बेसहारा गयों की सेवा कर रहे हैं

हिसार में अगर कहीं भी गाय घायल अवस्था में या फंसी हुई दिखाई दे तो हर कोई यही कहता है कि गौ सेवा हेल्पलाइन यानी सीताराम सिंघल को बुलाया जाए. एक फोन करते ही सीताराम सिंघल या तो खुद पहुंचते हैं या फिर अपनी टीम के सदस्यों को एंबुलेंस के साथ मौके पर भेजते हैं. सीताराम सिंघल ने कहा कि मेरे पास किसी भी गाय की सहायता के लिए फोन आने के बाद जब तक मैं यह तसल्ली नहीं कर लेता है कि उसका इलाज शुरू हो गया है और अस्पताल ले जाया जा चुका है तब तक मुझे नींद नहीं आती. गौ सेवा के प्रति इतनी निष्ठा और निस्वार्थ भावना को देखकर हिसार में उन्हें गौ भक्त भी कहा जाता है.

Last Updated : May 19, 2022, 3:29 PM IST

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