हिसार:हिसार के खेदड़ थर्मल पावर प्लांट के राख को लेकर पुलिस और ग्रामीणों में शुक्रवार को खूनी झड़प हो गई. प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसक झड़प और पुलिस लाठीचार्ज में एक 56 वर्षीय किसान धर्मपाल की मौत हो गई जबकि एक पुलिसकर्मी की हालत भी गंभीर बताई जा रही है. जानकारी के मुताबिक ग्रामीण ट्रैक्टर से पुलिस बैरिकेड तोड़कर आगे बढ़ रहे थे. मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की. इसी दौरान कई पुलिस जवान और ग्रामीण ट्रैक्टर की चपेट में आ गये और बुरी तरह घायल हो गये. घायलों को अस्पताल में भर्ती किया गया है जिसमें से एक पुलिस जवान की हालत गंभीर बताई जा रही है.
खेदड़ गांव में राजीव गांधी थर्मल पावर प्लांट (Rajiv Gandhi Thermal Power Plant) से निकलने वाली राख की लड़ाई थमने का नाम नहीं ले रही है. शुक्रवार को एक बार फिर पुलिस और प्रदर्शनकारी ग्रामीण आमने-सामने हो गये. ट्रैक्टर से बैरिकेड तोड़कर आगे बढ़ रहे ग्रामीणों को रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया. प्रदर्शनकारियों को रोकने काबू करने के लिए पुलिस ने भी बल का प्रयोग किया.
खेदड़ और आस-पास के गांव के लोग पिछले 86 दिन से खेदड़ पावर प्लांट के सामने धरना दे रहे हैं. शुक्रवार को ग्रामीणों ने रेलवे ट्रैक को जाम करने का ऐलान किया गया था. जब प्रदर्शनकारी रेलवे ट्रैक जाम करने के लिए आगे बढ़ रहे थे उसी दौरान पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की. इस दौरान प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर से पुलिस का बैरिकेड तोड़कर आगे बढ़ने लगे. इसी दौरान ट्रैक्टर एक ग्रामीण धर्मपाल ट्रैक्टर के नीचे आ गया जिससे उसकी मौत हो गई. किसान पर ट्रैक्टर चढ़ाने का एक वीडियो भी सामने आया है.
ग्रामीणों को रोकने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज (Police lathi charge in Khedar) करना पड़ा. पुलिस ने गांव वालों को काबू करने के लिए वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया. दरअसल खेदड़ प्लांट की राख के लिए थर्मल प्रबंधन ने टेंडर निकाला हुआ है. थर्मल प्लांट में कोयला जलने के बाद बनी इसी राख के उठान को लेकर थर्मल प्रबंधन और ग्रामीणों में तनातनी चल रही है. थर्मल प्रबंधन ने राख को बेचने के लिए जब से टेंडर निकाला है ग्रामीण इसका विरोध कर रहे हैं. ग्रामीण राख उन्हें मुफ्त में देने की मांग कर रहे हैं. इसी मांग को लेकर ग्रामीण पिछले 86 दिन से भी ज्यादा समय से धरना दे रहे हैं. शुक्रवार को इसी मामले पर पुलिस और ग्रामीणों में भिड़ंत हो गई. इससे पहले 31 मई को भी पुलिस और गांव वालों में टकराव हो चुका है. इस दिन भी पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर वाटर कैनन का इस्तेमाल किया था. जिसमें कई गांव वाले घायल हो चुके हैं.