हिसार: जाट आरक्षण को लेकर जाट समुदाय के लोगों ने एक बार फिर हुंकार भरी है. अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने ऐलान किया है कि प्रदेश सरकार को दिसंबर तक का समय दिया गया था कि जाट समुदाय के बच्चों पर दर्ज केस वापस लिए जाएं और अगर ऐसा नहीं होता है तो जनवरी में आंदोलन का आगाज एक बार फिर से किया जाएगा.
मुकदमों को वापस नहीं लिया गया तो होगा आंदोलन- समिति
गौरतलब है कि मामला 2016 में हुए जाट आरक्षण आंदोलन में जाट युवकों पर दर्ज मुकदमों से जुड़ा है. समिति की मानें तो इस दौरान दर्ज हुए मुकदमों के बारे में सरकार ने वादा किया था कि जल्द ही इन मुकदमों को वापस लिया जाएगा, लेकिन 3 साल बीत जाने के बाद भी सरकार की तरफ से मुकदमों को अभी तक वापस नहीं लिया गया है. समुदाय के लोगों ने बैठक कर फैसला लिया है कि दिसंबर महीने के अंत तक अगर दर्ज मुकदमों को वापस नहीं लिया गया तो जाट आरक्षण संघर्ष समिति एक बार फिर बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेगी.